फोटो- भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा...
नई दिल्ली:
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि इसने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अरुणाचल प्रदेश में लापता हुए अपने सैनिकों के अवशेषों का पता लगा लिया है.
डिफेंस पीओडब्ल्यू: एमआईए अकाउंटिंग एजेंसी (डीपीएए) की एक टीम ने हिमालय में कई स्थानों पर खोजबीन की, जहां अमेरिकी विमान अपने सैनिकों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, जैसा कि समझा जाता है. इन सैनिकों की संख्या अब भी बेहिसाब हैं.
टीम ने अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का दौरा किया, ताकि यह पता चल सके कि वह स्थान निश्चित रूप से ज्ञात दुर्घटना स्थल से जुड़ा हुआ है.
भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने बताया कि अमेरिका अपने देश की सेवा करने वाले सभी सैनिकों, नाविकों, वायुसैनिकों और मरीन को स्वदेश वापसी का भरोसा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत में डीपीएए का मिशन उस प्रतिबद्धता का एक अहम हिस्सा है.
अमेरिकी दूतावास के यहां एक बयान के मुताबिक, मिशन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीत्ज ने कहा है, 'हम भारत सरकार, विदेश मंत्रालय, अरुणाचल प्रदेश सरकार और वायुसेना की अमूल्य सहायता और सहयोग के लिए शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. उनके सहयोग के बिना यह मिशन सफल नहीं होता'. भविष्य में अवशेष की बरामदगी की कोशिश के तहत खुदाई की जाएगी और उन्हें पहचान के लिए वापस अमेरिका ले जाया जाएगा.
इन स्थानों पर पहुंचने के बाद टीम ने अतिरिक्त मानव अवशेष पाए, जो लापता अमेरिकी सैनिकों के माने जा रहे हैं. भारत सरकार की मंजूरी के बाद इन अवशेषों की पहचान के लिए डीपीएए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. पिछले साल भी डीपीएए ने इसी क्षेत्र से अवशेष बरामद किए थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
डिफेंस पीओडब्ल्यू: एमआईए अकाउंटिंग एजेंसी (डीपीएए) की एक टीम ने हिमालय में कई स्थानों पर खोजबीन की, जहां अमेरिकी विमान अपने सैनिकों के साथ दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, जैसा कि समझा जाता है. इन सैनिकों की संख्या अब भी बेहिसाब हैं.
टीम ने अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का दौरा किया, ताकि यह पता चल सके कि वह स्थान निश्चित रूप से ज्ञात दुर्घटना स्थल से जुड़ा हुआ है.
भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने बताया कि अमेरिका अपने देश की सेवा करने वाले सभी सैनिकों, नाविकों, वायुसैनिकों और मरीन को स्वदेश वापसी का भरोसा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत में डीपीएए का मिशन उस प्रतिबद्धता का एक अहम हिस्सा है.
अमेरिकी दूतावास के यहां एक बयान के मुताबिक, मिशन कमांडर लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीत्ज ने कहा है, 'हम भारत सरकार, विदेश मंत्रालय, अरुणाचल प्रदेश सरकार और वायुसेना की अमूल्य सहायता और सहयोग के लिए शुक्रिया अदा करना चाहते हैं. उनके सहयोग के बिना यह मिशन सफल नहीं होता'. भविष्य में अवशेष की बरामदगी की कोशिश के तहत खुदाई की जाएगी और उन्हें पहचान के लिए वापस अमेरिका ले जाया जाएगा.
इन स्थानों पर पहुंचने के बाद टीम ने अतिरिक्त मानव अवशेष पाए, जो लापता अमेरिकी सैनिकों के माने जा रहे हैं. भारत सरकार की मंजूरी के बाद इन अवशेषों की पहचान के लिए डीपीएए प्रयोगशाला में भेजा जाएगा. पिछले साल भी डीपीएए ने इसी क्षेत्र से अवशेष बरामद किए थे.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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