यूपीएससी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी होने का विरोध सड़क से लेकर संसद तक पहुंच गया है। आज संसद में परीक्षा के सिलेबस में हुए बदलाव का जमकर विरोध किया गया। जेडीयू से लेकर बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने सरकार पर एडमिट कार्ड को रद्द करने का दबाव बढ़ा दिया है। दूसरी तरफ संसद से सटे रेल भवन के पास से विरोध कर रहे छात्रों को हिरासत में लिया गया। संसद तक पहुंचने की कोशिश करने वाले छात्रों को हिरासत में लिया गया।
यह मुद्दा आज संसद के दोनों सदनों में प्रश्नकाल शुरू होते ही उठा और जमकर हंगामा हुआ। इसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही 15 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। छात्रों का कहना है कि सरकार ने उनसे वादा किया था कि जब तक सी सैट का मुद्दा नहीं सुलझ जाता तब तक परीक्षा नहीं ली जाएगी। हिन्दी और क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों की दलील है कि सी सैट की वजह से उन्हें नुकसान हो रहा है जबकि तकनीकी पढ़ाई करने वालों को इसका फायदा मिल रहा है।
वहीं छात्रों एक समूह ने ‘भाषाई भेदभाव’ के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए आज संसद की ओर कूच किया, लेकिन उसे पुलिस ने रोक दिया और बाद में एहतियाती हिरासत में ले लिया।
प्रदर्शनकारियों को केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के बाहर रोक दिया गया और उन्हें संसद मार्ग थाने ले जाया गया। रात में उनकी उत्तर दिल्ली में पुलिस के साथ झड़प हुई थी।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने करीब 150 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। जरूरत पड़ी तो जरूरी एहतियाती कार्रवाई की जाएगी। प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के समीप कहीं भी पहुंचने से रोकने के लिए केंद्रीय सचिवालय एवं उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं।
दिल्ली मेट्रो के एक प्रवक्ता ने कहा, पुलिस की सलाह के मुताबिक दो मेट्रो स्टेशन पौने एक बजे से लेकर अगले परामर्श तक आम जनों के लिए बंद कर दिए गए हैं। केंद्रीय सचिवालय पर अदला-बदली की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वर्तमान फॉर्मेट उन लोगों के लिए भेदभावकारी है, जो अंग्रेजी में कुशल नहीं हैं।
वहीं कार्मिक, जनशिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह ने उच्च सदन में इस मुद्दे पर विभिन्न सदस्यों द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण के जवाब में सदन को आश्वासन दिया कि सरकार इस पूरे मुद्दे की गंभीरता और संवेदनशीलता से अवगत है। सरकार इस मामले में आंदोलन कर रहे छात्रों से निरंतर संपर्क बनाए हुए है और इस मुद्दे का हल निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सिंह ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर गठित तीन सदस्यीय समिति को एक हफ्ते के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। रिपोर्ट के आने के बाद ही सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।
(इनपुट्स भाषा से भी)
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