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खास बातें
- यूपीपीएससी में आरक्षण नियमों में किए गए बदलाव को यूपी सरकार ने वापस लेने का निर्णय किया है। साथ ही सरकार ने कहा कि यूपीपीसीएस का परिणाम पुराने नियमों के अनुसार ही जारी किया जाएगा। यूपी सरकार ने कहा कि विरोध करने वाले गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की बात भ
लखनऊ: यूपीपीएससी में आरक्षण नियमों में किए गए बदलाव को यूपी सरकार ने वापस लेने का निर्णय किया है। साथ ही सरकार ने कहा कि यूपीपीसीएस का परिणाम पुराने नियमों के अनुसार ही जारी किया जाएगा। यूपी सरकार ने कहा कि विरोध करने वाले गिरफ्तार छात्रों को रिहा करने की बात भी कही गई है। बता दें कि गिरफ्तार छात्रों पर एनएसए कानून लगाया गया था।
गौरतलब है कि आरक्षण के कानून के मुताबिक सिर्फ 50 फीसदी सीटें आरक्षित की जा सकती है, लेकिन यूपी स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि आरक्षण के दायरे में आने वाले छात्रों के नंबर अगर अधिक होते हैं तो उन्हें जनरल कैटेगरी में भेजा जाता है। ऐसे में प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप था कि आरक्षण 50 फीसदी से बढ़कर 70 फीसदी हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन में आरक्षण के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस बीच हाईकोर्ट ने नए इंटरव्यू पर रोक लगा दी है। 26 जुलाई से स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन के लिए इंटरव्यू होने थे। कोर्ट ने नई भर्ती के इंटरव्यू पर फिलहाल 10 दिन की रोक लगा दी थी।
यह मामला काफी विवादित है और आरक्षण के नए नियमों के खिलाफ 15 जुलाई को इलाहाबाद में छात्रों ने जबरदस्त तोड़−फोड़ पथराव और आगजनी की थी। इसमें करीब 100 गाड़ियां जला दी गई थीं।
(इनपुट एनडीटीवीइंडिया से भी)