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This Article is From Oct 27, 2018

आखिर किस पाले में जाने की तैयारी कर रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा, सोमवार को अमित शाह से करेंगे 'सीटों की सौदेबाजी'

लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जदयू के बीच सीटों के 50-50 फॉर्मूले पर समझौते के बाद अब सीटों के लिए सौदेबाजी की बारी रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की है.

आखिर किस पाले में जाने की तैयारी कर रहे हैं उपेंद्र कुशवाहा, सोमवार को अमित शाह से करेंगे 'सीटों की सौदेबाजी'
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर अमित शाह से मिलेंगे उपेंद्र कुशवाहा
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जदयू के बीच सीटों के 50-50 फॉर्मूले पर समझौते के बाद अब सीटों के लिए सौदेबाजी की बारी रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मुलाकात के बाद अब उपेंद्र कुशवाहा ने भी सीटों के समीकरण को सुलझाने के लिए भाजपा अध्यक्ष से मिलने का मन बनाया है. राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी यानी रोलसपा के मुखिया और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा सोमवार को अमित शाह से मिलेंगे. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच इस मुलाकात के दौरान सीटों के बंटवारे पर बातचीत होगी. सियासी गलियारों में खबर यह भी है कि रालोसपा के खाते में एक सीट जाने की वजह से उपेंद्र कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. यही वजह है कि शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव को एक साथ देखा गया. 

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दरअसल, शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिले और बराबर-बराबर सीटों के समझौते पर अपनी सहमति दी.लोकसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लड़ने की घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने की. उधर ऐलान के कुछ समय बाद ही रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और तेजस्वी यादव की मुलाकात की खबर आई. इसके बाद तो फिर कायासों का दौर ही शुरू हो गया. 

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एनडीटीवी सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल सहमति ये हुई है कि जेडीयू और बीजेपी 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी. वहीं रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को 5 सीटें दी जाएंगी और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी को एक सीट मिलेगी. गौर करने वाली बात है कि पिछले लोकसभा चुनाव में लोजपा को 7 सीटें मिलीं थीं. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 4 सीटें मिली थीं. यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए में नाराज चल रहे हैं. 

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गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार की 40 में से 22 सीटें मिलीं थीं, जबकि सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को क्रमश: छह और तीन सीटें मिलीं थीं. तब जेडीयू को केवल दो सीटें ही मिलीं थीं. वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार की 243 सीटों में से जेडीयू को 71 सीटें मिलीं थीं. तब भाजपा को 53 और लोजपा एवं रालोसपा को क्रमश: दो-दो सीटें मिलीं थीं. उस चुनाव में जेडीयू, राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस का महागठबंधन था.

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