नोएडा में सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई एक नाबालिग की पहचान उजागर करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस सभी की आलोचनाओं के घेरे में आ गई है। केन्द्र ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है।
शुक्रवार रात को दसवीं की छात्रा के साथ पांच लोगों ने चलती कार में बलात्कार किया था। छात्रा पांच में से एक आरोपी के जन्मदिन के समारोह में शामिल होने के लिए उनके साथ गई थी। इस मामले के पांचवे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में बचाव करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ज्योति नारायण ने कहा कि जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा सामूहिक बलात्कार मामले के बारे में बात करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा तीरथ ने कहा, ‘पुलिस अधिकारियों को जानना चाहिए कि पहचान कुछ कानूनों के अंतर्गत गुप्त रखी जाती हैं। पुलिस की ओर से ऐसा बर्ताव बहुत खतरनाक है।’
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और उत्तर प्रदेश महिला आयोग ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर मामले में जवाब मांगा है।
शुक्रवार रात को दसवीं की छात्रा के साथ पांच लोगों ने चलती कार में बलात्कार किया था। छात्रा पांच में से एक आरोपी के जन्मदिन के समारोह में शामिल होने के लिए उनके साथ गई थी। इस मामले के पांचवे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इस मामले में बचाव करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ज्योति नारायण ने कहा कि जांच के आदेश दिए जा चुके हैं और संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ उचित विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
नोएडा सामूहिक बलात्कार मामले के बारे में बात करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा तीरथ ने कहा, ‘पुलिस अधिकारियों को जानना चाहिए कि पहचान कुछ कानूनों के अंतर्गत गुप्त रखी जाती हैं। पुलिस की ओर से ऐसा बर्ताव बहुत खतरनाक है।’