समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव
इलाहाबाद:
शाहजहांपुर में जलाकर मारे गए पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत के जिम्मेदार लोगों पर कोई ठोस कार्रवाई करने की बजाए प्रदेश सरकार ने साफ कह दिया है कि बिना जांच के किसी मंत्री को नहीं हटाया जाएगा। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने आज कि 'इससे पहले भी हमारे मंत्रियों पर आरोप लगते रहे हैं। बदायूं मामले की जब जांच हुई तो कुछ भी नहीं निकला।'
इससे पहले मामले में उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने भी बेतुका बयान दिया। मंत्री ने पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत को 'निश्चित घटना' कहकर उसे प्रकृति का विधान बता दिया और पत्रकारों को नसीहत देकर उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पत्रकार अपना काम कैसे कर रहे हैं, जरा उसे भी देखा जाए।
कुछ घटनाएं प्रकृति का नियम और विधि का विधान होती हैं : पारस नाथ यादव
यूपी के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने कहा, कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो निश्चित होती हैं। ये प्रकृति का नियम है। विधि का विधान है। अगर कुछ घटनाओं पर हम कार्रवाई न करें। उसकी जांच न कराएं, तब आप हमसे सवाल उठाइए। उन्होंने आगे कहा, आप (पत्रकार) अपने कर्तव्यों को किस तरह से तय कर रहे हैं, उसे आप आंकें। यही नहीं मंत्री ने अपनी सरकार और उसकी कार्यशैली पर लगे आरोपों के बचाव में यहां तक कह डाला कि किसी के बयान से हमारी सरकार के मंत्री को दोषी नहीं कह सकते।
बेमियादी धरने पर बैठा जगेंद्र का परिवार
उधर, पत्रकार जगेंद्र सिंह का परिवार शाहजहांपुर में बेमियादी धरने पर बैठ गया है। परिवार जगेंद्र सिंह की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। परिवार की यह भी मांग है कि राममूर्ति सिंह को मंत्री पद से हटाया जाए। इस मामले में राज्य के मंत्री राम मूर्ति सिंह के खिलाफ मामला दर्ज है।
'पुलिसवालों को दंडित नहीं किया, सिर्फ चेतावनी दी गई'
उन्होंने कहा, आरोपी पांच पुलिस वालों को दंडित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें सजा के तौर पर चेतावनी दी गई है। जांच पूरी हो जाने के बाद वे बहाल भी हो जाएंगे। यानि पत्रकार जगेंद्र की मौत के मामले में हो रही जांच की रिपोर्ट के पूर्व ही मंत्री ने 'नतीजा' जाहिर कर दिया। यादव ने आगे कहा, यहां का क़ानून ऐसा है कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए तब तक किसी को दोषी कहना ठीक नहीं होता है। जांच में जो बात सामने आएगी तो कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री चौरसिया का भी किया बचाव
बहरहाल मंत्री पारसनाथ यादव पत्रकारों से बेहद खफा भी नजर आए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मिर्जापुर के मंत्री कैलाश चौरसिया पर आरटीओ से मारपीट किए जाने के आरोपों के सभी तथ्यों को प्रकाशित किया जाए। उन्होंने कहा, उक्त आरटीओ लोगों को लूट रहा था इसलिए मंत्री ने उसे डांटा। इसी कारण आरटीओ ने मंत्री पर आरोप लगा दिए।
इससे पहले मामले में उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने भी बेतुका बयान दिया। मंत्री ने पत्रकार जगेन्द्र सिंह की मौत को 'निश्चित घटना' कहकर उसे प्रकृति का विधान बता दिया और पत्रकारों को नसीहत देकर उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पत्रकार अपना काम कैसे कर रहे हैं, जरा उसे भी देखा जाए।
कुछ घटनाएं प्रकृति का नियम और विधि का विधान होती हैं : पारस नाथ यादव
यूपी के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पारस नाथ यादव ने कहा, कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जो निश्चित होती हैं। ये प्रकृति का नियम है। विधि का विधान है। अगर कुछ घटनाओं पर हम कार्रवाई न करें। उसकी जांच न कराएं, तब आप हमसे सवाल उठाइए। उन्होंने आगे कहा, आप (पत्रकार) अपने कर्तव्यों को किस तरह से तय कर रहे हैं, उसे आप आंकें। यही नहीं मंत्री ने अपनी सरकार और उसकी कार्यशैली पर लगे आरोपों के बचाव में यहां तक कह डाला कि किसी के बयान से हमारी सरकार के मंत्री को दोषी नहीं कह सकते।
बेमियादी धरने पर बैठा जगेंद्र का परिवार
उधर, पत्रकार जगेंद्र सिंह का परिवार शाहजहांपुर में बेमियादी धरने पर बैठ गया है। परिवार जगेंद्र सिंह की हत्या की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है। परिवार की यह भी मांग है कि राममूर्ति सिंह को मंत्री पद से हटाया जाए। इस मामले में राज्य के मंत्री राम मूर्ति सिंह के खिलाफ मामला दर्ज है।
'पुलिसवालों को दंडित नहीं किया, सिर्फ चेतावनी दी गई'
उन्होंने कहा, आरोपी पांच पुलिस वालों को दंडित नहीं किया गया है बल्कि उन्हें सजा के तौर पर चेतावनी दी गई है। जांच पूरी हो जाने के बाद वे बहाल भी हो जाएंगे। यानि पत्रकार जगेंद्र की मौत के मामले में हो रही जांच की रिपोर्ट के पूर्व ही मंत्री ने 'नतीजा' जाहिर कर दिया। यादव ने आगे कहा, यहां का क़ानून ऐसा है कि जब तक दोष सिद्ध न हो जाए तब तक किसी को दोषी कहना ठीक नहीं होता है। जांच में जो बात सामने आएगी तो कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री चौरसिया का भी किया बचाव
बहरहाल मंत्री पारसनाथ यादव पत्रकारों से बेहद खफा भी नजर आए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मिर्जापुर के मंत्री कैलाश चौरसिया पर आरटीओ से मारपीट किए जाने के आरोपों के सभी तथ्यों को प्रकाशित किया जाए। उन्होंने कहा, उक्त आरटीओ लोगों को लूट रहा था इसलिए मंत्री ने उसे डांटा। इसी कारण आरटीओ ने मंत्री पर आरोप लगा दिए।
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