Coronavirus: मुरादाबाद में हेल्थ वर्करों पर हमला करने के 17 आरोपियों पर 19 दफ़ाओं में मुक़दमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया. बाद में यह बात सामने आई कि इस हमले के पीछे कुछ वायरल वीडियो हैं जिनमें दावा किया गया है कि क्वारंटाइन किए गए लोगों को न तो खाना पानी दिया जा रहा है और ना ही उनकी कोई टेस्टिंग हो रही है. उन्हें झूठमूठ कोरोना पॉज़िटिव बताया जा रहा है.
मुरादाबाद में हेल्थ टीम पर यह सबसे भयानक हमलों में से एक था…जो उनकी जान बचाने को अस्पताल ले जाने आए थे…उन पर ही हमला हो गया. छतों से पत्थरों की बौछार होने लगी…पत्थरों के बीच फंसी पुलिस को सर पर दरवाज़े की ओट कर भागना पड़ा. हमले में घायल डॉक्टर हमले की वजह बयान करते हैं.
घायल डॉक्टर एससी अग्रवाल ने कहा कि ''यह चर्चे थे कि कुछ नहीं करते हैं, खाना नहीं देते हैं, पानी नहीं देते हैं, भूखा मार देते हैं...जांच भी नहीं कर रहे हैं. तो हम लोग समझा रहे थे पब्लिक को कि ऐसा कुछ नहीं है. शायद गड़बड़ है, हमने बहुत सारे वीडियो देखे हैं यूट्यूब पर. बहुत आ रहे हैं...कि कुछ खाने को नहीं देते हैं...मार देते हैं.....भाई ऐसा कुछ नहीं हुआ है.''
इलाक़े में तमाम लोग बताते हैं कि वायरल वीडियो और व्हाट्सऐप से पता चला कि एक क़ौम के सेहतमंद लोगों को पकड़कर कोरोना का मरीज़ बता रहे हैं. इस विषय में क्वारंटाइन किया गया यह शख्स यही कहता है कि उसके भाई को पहले कोरोना निगेटिव बताया…फिर कुछ दिन बाद कहा कि पॉज़िटिव है. कहता है कि खाना-पीना नहीं मिल रहा है.
एक वायरल वीडियो में कहा जा रहा है - ''ना कोई पानी है..ना कुछ खाने का है. छोटे-छोटे बच्चे हैं. अब इन बच्चों की आदत है दूध पीने की, पानी मांगने की, बिस्कट खाने की रात में..पानी पिएंगे..दूध पिएंगे कहां से लाकर देंगे हम. अभी हमने प्रशासन से कहा, बाहर लोग थे, कि हमें भी पानी दे दीजिए आप. पानी तो बच्चे पिएंगे रात में, गर्मी है. तो बोले कि हमारे पास कोई पानी नहीं है.'' पुलिस अब इस शख्स पर कार्रवाई करने के लिए इसकी तलाश कर रही है.
मुरादाबाद के एसपी अमित कुमार आनंद ने कहा कि इसके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है. इसमें जो इन्वॉल्व हैं उनसे जानकारी ली जा रही है और इसके आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं.
हेल्थ वर्कर्स पर हमले के आरोप में गिरफ्तार 10 पुरुषों और 7 महिलाओं को जेल भेज दिया गया. इनमें से हर किसी पर 19 दफ़ाओं में मुक़दमा क़ायम किया गया है. इसमें हत्या की कोशिश करने, हथियार बंद होकर हमला करने, इन्फेक्शन फैलाने, पब्लिक प्रॉपर्टी तोड़ने, दंगा करने, लॉकडाउन तोड़ने, सरकारी लोगों पर हमला करने, सरकारी काम में रुकावट डालने जैसे तमाम आरोप हैं.
हमले के बाद मुरादाबाद के हेल्थ वर्कर्स ने घर-घर जाकर जांच करने से इनकार कर दिया है. यूपी के डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बडोला ने कहा कि मैंने आदरणीय मुख्य चिकित्सा अधिकारी और ज़ोनल अधिकारी से कहा है कि अब कर्मचारी किसी के घर पर क्वारंटाइन करने के लिए नहीं जाएगा. यह काम पुलिस प्रशासन और ज़िला प्रशासन का कराया है.
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