यह ख़बर 19 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

यूपी : हंगामे की भेंट चढ़ा बजट सत्र का पहला दिन

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत के बीच दोनों सदनों (विधानसभा एवं विधान परिषद) की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के सदस्यों और विधान परिषद में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों द्वारा हंगामा किए जाने की वजह से कानून-व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा नहीं हो सकी।

सत्र शुरू होने से पहले ही भाजपा के सदस्य जहां सदन में धरने पर बैठ गए, वहीं बसपा के सदस्यों ने विधान परिषद में सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, जिसे देखते हुए सदन की कार्यवाही पहले दोपहर 12.20 बजे के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही जैसे ही दोबारा शुरू हुई विपक्षी दलों के सदस्यों ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल (शुक्रवार) तक के लिए स्थगित कर दी गई। इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने केंद्र सरकार के समक्ष मांग रखी कि इराक में फंसे हुए लोगों की सकुशल वापसी सुनिश्चित कराई जाए।

चौधरी ने कहा, इराक में जो कुछ हो रहा है, वह दुखद है। उत्तर प्रदेश सरकार इस बात को लेकर चिंतित है सरकार की भारत सरकार से अपील है कि वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित कराए।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा सत्र की शुरुआत गुरुवार सुबह 11 बजे होनी थी, लेकिन उससे पहले ही भाजपा के सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब आकर धरने पर बैठ गए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा के सदस्य सूबे में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर देर तक धरने पर बैठे रहे।

इधर, बसपा के सदस्यों ने कानून-व्यवस्था, महिला उत्पीड़न और गन्ना किसानों के बकाये को लेकर विधान परिषद में सरकार के खिलाफ  नारेबाजी की और पोस्टर लहराए। विधान परिषद में बसपा के नेता नसीमुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि नियम 105 के तहत उत्तर प्रदेश में ध्वस्त कानून-व्यवस्था और जंगलराज कायम होने, थाने में बहू-बेटियों के साथ दुष्कर्म किए जाने, नाबालिगों की हत्या कर उन्हें पेड़ पर लटकाने और भ्रष्टाचार आदि को लेकर काम रोको प्रस्ताव के तहत सूचना दी गई थी।

उन्होंने बताया कि बसपा ने मांग की थी, कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही रोककर प्रदेश में जो जंगलराज कायम है, इस पर चर्चा कराई जाए, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं थी। नसीमुद्दीन ने कहा, सरकार के पास साहस नहीं है और सत्तारूढ़ दल के लोग इतना कुकर्म कर चुके हैं कि उनके पास इन सब का कोई जवाब नहीं है। जनता यह जानना चाहती है कि अखिलेश सरकार अपराधियों के आगे असहाय क्यों है।

विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा सरकार पर हमला बोलते हुए अखिलेश सरकार की बर्खास्तगी की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित करना अखिलेश के वश की बात नहीं है, इसलिए अब इस सरकार को बने रहने का हक नहीं है। रालोद के सदस्यों ने भी किसानों की समस्याओं को लकर हंगामा किया। प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने गन्ना किसानों की मांग को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान जल्द से जल्द होना चाहिए।


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