
निर्मला सीतारमण वित्तमंत्री
नई दिल्ली:
निर्मला सीतारमण बजट से पहले ही बजट की झलक दिखा चुकी हैं. करीब छह माह पहले प्रेस कॉन्फेंस कर निर्मला सीतारमण हाउसिंग सेक्टर के लिए दो पैकेज की घोषण की थी. कंपनियों को आयकर में 1.5 करोड़ की रियायत दे चुकीं हैं. छोटे उद्योगों को सस्ते कर्ज की मदद देने का फैसला हो चुका है. सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा भी हो चुकी है. आटो मोबाइल सेक्टर में मंदी की खबर जब आने लगी तो वित्त मंत्री ने आटोमोबाइल सेक्टर के लिए भी रियायत की घोषणा की थी.
वित्त मंत्री ने उस दौरान कई घोषणाएं की थी जिनमे प्रमुख थी
- वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरुआती दौर में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी ताकि बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम हो सकें उन्होंने कहा था कि रेपो रेट से ब्याज दरें भी जुड़ेंगी. रेपो रेट कम होने पर होम और कार लोन सस्ते होंगे.
- फंड की कमी से अटके मिडिल क्लॉस किफ़ायती हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए सहायता करने की घोषणा की थी. उन्होेंने कहा था कि इसके लिए सरकार 10000 करोड़ देगी. लेकिन इसका लाभ वही बिल्डर्स उठा पाएंगे जिनका NPA नहीं है और न ही जिनके केस दिवालिया अदालत में चल रहे है उन्हे फायदा होगा.
- निर्मला सीतारमण ने घोषणा किया था कि 60 दिनों के अंदर जीएसटी का रीफंड मिलेगा. वहीं, लघु उद्योंगों को 30 दिन में जीएसटी का रीफंड मिलेगा. इसी तरह एमएसएमई ऐक्ट में उद्योंगों की एक ही परिभाषा होगी. उन्होंने कहा की डीमैट खातों में भी आधार की केवाईसी चलेगी. सरकारी काम के लिए वक्त पर पैसा जारी किया जाएगा.
- वित्त मंत्री ने 31 मार्च 2020 तक खरीदी गईं बीएस फोर गाड़ियां को मान्य घोषित कर दिया था. रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी भी जून 2020 तक टाल दी गई थी. वित्त मंत्री ने कहा कि घर खरीदारों की भी जल्द राहत मिलेगी. नई सरकारी गाड़ियों की खरीद पर रोक भी हटा ली गई है.इस पर सरकार बेहद गंभीरता से काम कर रही है.
- लॉन्ग, शॉर्ट टर्म कैपिटेल गेन सरचार्ज वापस लेने की भी घोषणा की गई थी. सरकार ईज ऑफ डूइंग बिजनस और ईज ऑफ लिविंग पर फोकस कर रही है. अब विजयादशमी से केंद्रीय सिस्टम से नोटिस भेजे जाएंगे. टैक्स के नाम पर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा.
- स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों की दिक्कतों को दूर करने के लिए उनके लिए एंजल कर के प्रावधान को भी वापस लेने का फैसला किया गया था. उन्होंने कहा था कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य के तहत स्टार्टअप्स की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रकोष्ठ बनाया जाएगा.
- निर्यात उत्पादों पर करों एवं शुल्कों से छूट (रोडीटीईपी) अमल में आ जाएगी. यह देश से वाणिज्यिक वस्तुओं के निर्यात संवर्धन की योजना (एमईआईएस) की जगह लेगी. इस योजना से सरकारी राजस्व पर 50 हजार करोड़ रुपये का प्रभाव पड़ने का अनुमान है.
- इसके अलावा निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) निर्यात ऋण बीमा योजना के दायरे को भी बढ़ाने की घोषणा की गई तकी. इस पहल की सालाना लागत 1,700 करोड़ रुपये आएगी.
- इनपुट टैक्स क्रेडिट का पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक रिफंड, प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर बंदरगाहों और हवाईअड्डों पर माल की अवाजाही में लगने वाले समय को दिसंबर से कम करने तथा मुक्त व्यापार समझौता उपयोग मिशन की भी स्थापना करने का निर्णय लिया गया था.
- सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी कई अहम ऐलान किए थे. एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 रुपए और दिए जाने की घोषणा की गई थी
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