प्रतीकात्मक फोटो
पणजी:
राज्य सरकार ने गोवा मानवाधिकार आयोग (जीएचआरसी) के समक्ष कहा है कि उसने ‘नकदी रहित समाज की अवधारणा’ के तहत नकद लेनदेन पर प्रतिबंध लगाने का कोई प्रयास नहीं किया है, बल्कि इसके बजाय वह भुगतान के वैकल्पिक माध्यम से कारोबार सुगम बनाना चाहती है.
गोवा सरकार का यह जवाब सामाजिक कार्यकर्ता एयरेस रोड्रिग्स द्वारा एक सरकारी परिपत्र के खिलाफ जीएचआरसी में दाखिल एक शिकायत पर आया है. तीस नवंबर को जारी इस परिपत्र में इस राज्य में सभी कारोबारी प्रतिष्ठानों से नकदी रहित लेनदेन के लिए विकल्प अपनाने को कहा था.
वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त दीपक बंडेकर ने जीएचआरसी के समक्ष आज दाखिल हलफनामे में कहा, 'नकदी से भुगतान कम करने या रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. राज्य सरकार महज भुगतान के वैकल्पिक माध्यमों को सुगम बना रही है.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गोवा सरकार का यह जवाब सामाजिक कार्यकर्ता एयरेस रोड्रिग्स द्वारा एक सरकारी परिपत्र के खिलाफ जीएचआरसी में दाखिल एक शिकायत पर आया है. तीस नवंबर को जारी इस परिपत्र में इस राज्य में सभी कारोबारी प्रतिष्ठानों से नकदी रहित लेनदेन के लिए विकल्प अपनाने को कहा था.
वाणिज्यिक कर विभाग के आयुक्त दीपक बंडेकर ने जीएचआरसी के समक्ष आज दाखिल हलफनामे में कहा, 'नकदी से भुगतान कम करने या रोकने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. राज्य सरकार महज भुगतान के वैकल्पिक माध्यमों को सुगम बना रही है.'
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