रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इंडिया की विशेष उड़ान आज सुबह रवाना हुई. समाचार एजेंसी ANI ने बताया कि 200 से अधिक सीटों की क्षमता वाले ड्रीमलाइनर बी-787 विमान को विशेष अभियान के लिए तैनात किया गया है. यह वापसी में आज रात दिल्ली में उतरेगा.
यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक रहते हैं. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि 20,000 से अधिक भारतीय छात्र और नागरिक यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों और इसके सीमावर्ती क्षेत्रों में रहते और पढ़ते हैं. उन्होंने कहा कि भारतीयों की भलाई हमारी भी प्राथमिकता है.
भारत सरकार द्वारा एयर बबल व्यवस्था के तहत यूक्रेन से आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या पर प्रतिबंध हटाने के एक दिन बाद, एयर इंडिया ने 18 फरवरी को घोषणा की थी कि वह इस महीने भारत और यूक्रेन के बीच तीन वंदे भारत मिशन (VBM) उड़ानें संचालित करेगी.
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने ट्विटर पर बताया था कि वह भारत और यूक्रेन के बॉरिस्पिल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के बीच 22, 24 और 26 फरवरी को तीन उड़ानें संचालित करेगी.
विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को जरूरी सूचना एवं मदद उपलब्ध कराने के लिए बुधवार को एक कंट्रोल रूम स्थापित किया था. इसके अलावा, यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने पूर्वी यूरोपीय देश में भारतीयों की मदद के लिए 24 घंटे की हेल्पलाइन भी स्थापित की है.
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को रोकने के प्रयासों को तब एक गंभीर झटका लगा जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रेमलिन में यूक्रेन के विद्रोही नेताओं के साथ पारस्परिक सहायता और मैत्री समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
इसके बाद सरकारी टीवी चैनल पर पुतिन ने कहा "मेरा मानना है कि डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक की स्वतंत्रता और संप्रभुता को तुरंत मान्यता देने के लिए एक लंबे समय से लंबित निर्णय लेना आवश्यक था." इसके साथ ही रूस ने अपनी सेना को पूर्वी यूक्रेन में "शांति मिशन" शुरू करने का भी आदेश दिया.
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रूसी 'शांति-रक्षक बल' डोनेट्स्क में आगे बढ़ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी कदम की निंदा की है. उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मन चांसलर से बात की है. यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है और अंतरराष्ट्रीय समर्थन मांगा है.
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ने लुगांस्क, डोनेट्स्क के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं, जबकि रूस पर तुरंत प्रतिबंध नहीं लगाए हैं.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन पर यूएनएससी की बैठक में कहा कि रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है. इन घटनाक्रमों में क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर करने की क्षमता है.
अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने संयुक्त राष्ट्र में 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में कहा, "रूस की कार्रवाइयों के परिणाम पूरे यूक्रेन, पूरे यूरोप और दुनिया भर में भयानक होंगे."अमेरिका ने कहा कि यूक्रेन के दो विद्रोही और अलगाववादी इलाकों को स्वतंत्र मान्यता देना क्षेत्र में युद्ध को भड़काने का बहाना है.