मथुरा में 20 साल पहले आए दो बांग्लादेशी गिरफ्तार, साधु बनकर रहते थे

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में पुलिस ने वृन्दावन में कई बरसों से रह रहे दो बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है.

मथुरा में 20 साल पहले आए दो बांग्लादेशी गिरफ्तार, साधु बनकर रहते थे

मथुरा से दो बांग्लादेशी गिरफ्तार हुए हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में पुलिस ने वृन्दावन में कई बरसों से रह रहे दो बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया है. ये लोग साधु बन कर कीर्तन-भजन किया करते थे. इनमें से एक के पास से पासपोर्ट भी बरामद हुआ है. पुलिस के अनुसार पकड़े गए विदेशी नागरिकों में से एक का नाम मानव है जो यहां आठ वर्ष से रह रहा था. वहीं दूसरे का नाम केशव है जो सात साल से यहां रह रहा था. इससे पूर्व ये दोनों बचपन में बीस साल पहले वृन्दावन आ चुके थे.  उसके बाद अब साधु बनकर हमेशा के लिए यहीं बस गए हैं. कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर संजीव कुमार दुबे ने बताया, 'इन दोनों को खुफिया पुलिस से मिली जानकारी के आधार पर बीती रात इमलीतला क्षेत्र से पकड़ा गया है.'  उन्होंने बताया कि बांग्लादेशी नागरिकों ने यहां रहते नागरिकता संबंधी सभी कागजात, आधार कार्ड आदि तैयार करा लिए थे. दोनों को न्यायालय में पेश किए जाने के बाद जेल भेज दिया गया है.' 

क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)
CAB (Citizenship Amendment Bill) संसद में पास होने और राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद नागरिक संशोधन कानून (CAA, Citizenship Amendment Act) बन गया है. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट की मदद से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इस एक्ट में मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है. नागरिकता संशोधन बिल के कानून बनने के बाद अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे. CAA में यह भी व्यवस्था की गयी है कि उनके विस्थापन या देश में अवैध निवास को लेकर उन पर पहले से चल रही कोई भी कानूनी कार्रवाई स्थायी नागरिकता के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नहीं करेगी. साथ ही ओसीआई कार्ड धारक यदि शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार केंद्र को मिलेगा.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)