बिप्लब देब का विशेष अाग्रह
अगरतला:
अपने बयानों से चर्चाओं में रहने वाले त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब (Biplab Deb) एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं. इस बार सुर्खियों में रहने की मुख्य वजह उनकी एक अनूठी अपील है. दरअसल, इस बार उन्होंने राज्य पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों से गिद्ध देखने आने का आग्रह किया है. देब ने (Tripura CM Biplab Deb) सातवें अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेले के उद्घाटन के मौके पर कहा कि विश्व में आज गिद्धों की संख्या कम होती जा रही है लेकिन हमारा राज्य ही एक ऐसा राज्य है जहां आज भी गिद्धों की संख्या दूसरों से ज्यादा है. त्रिपुरा में पाए जाने वाले गिद्धों में ऐसे गिद्धों की संख्या ज्यादा है जो विलुप्त होने के कगार पर हैं. ऐसे में टूर ऑपरेटरों से कहा कि राज्य में आने वाले पर्यटकों को इन इलाकों में लेकर आएं जहां गिद्धों की संख्या ज्यादा है. साथ ही देब ने Tripura CM Biplab Deb) पर्यटकों से भी आग्रह किया कि वह अगर त्रिपुरा आएं तो इन गिद्धों को देखे बगैर न जाएं.
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देब ने कहा कि राज्य में ऐसी कई जगहें विकसित की जा सकती है जहां पर्यटक सिर्फ गिद्ध देखने आ सके. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार के सहयोग की भी बात की. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पर्यटन राज्य मंत्री के जे अल्फोंस भी मौजूद थे. गौरतलब है कि बिप्लव देब त्रिपुरा के सीएम बनने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं. चाहे बात महाभारत काल में इंटरनेट के होने की बात हो या फिर डायना हेडन को लेकर दिए बयान की. उन्होंने अपने ऐसे ही एक बयान में कहा था कि सीएम बिप्लब देब ने युवाओं को नौकरियों के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह दी है.
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देब ने राज्य के युवाओं, विशेष रूप से शिक्षित वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए राजनेताओं के पीछे नहीं भागने का सुझाव तो दिया, मगर लगे हाथ पान की दुकान खोलने की भी सलाह दे डाली. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा था कि इससे अच्छा है कि प्रधानमंत्री के मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लेकर पशु संसाधन क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करके स्वयं रोजगार का सृजन करें.बिप्लब देब ने कहा था कि युवा कई सालों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं. वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं.
VIDEO: बिप्लव देब का सगूफा.
मगर वही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अब तक 5 लाख रुपए जमा होते. जबिक इससे पहले उन्होंने एक और बयान में कहा था कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. देब ने प्रज्ञा भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. समाज का निर्माण करना है. सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है. (इनपुट भाषा से)
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देब ने कहा कि राज्य में ऐसी कई जगहें विकसित की जा सकती है जहां पर्यटक सिर्फ गिद्ध देखने आ सके. उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार के सहयोग की भी बात की. इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पर्यटन राज्य मंत्री के जे अल्फोंस भी मौजूद थे. गौरतलब है कि बिप्लव देब त्रिपुरा के सीएम बनने के बाद से ही अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं. चाहे बात महाभारत काल में इंटरनेट के होने की बात हो या फिर डायना हेडन को लेकर दिए बयान की. उन्होंने अपने ऐसे ही एक बयान में कहा था कि सीएम बिप्लब देब ने युवाओं को नौकरियों के बदले पान की दुकान खोलने की सलाह दी है.
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देब ने राज्य के युवाओं, विशेष रूप से शिक्षित वर्ग के युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए राजनेताओं के पीछे नहीं भागने का सुझाव तो दिया, मगर लगे हाथ पान की दुकान खोलने की भी सलाह दे डाली. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा था कि इससे अच्छा है कि प्रधानमंत्री के मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लेकर पशु संसाधन क्षेत्र के विभिन्न परियोजनाओं को शुरू करके स्वयं रोजगार का सृजन करें.बिप्लब देब ने कहा था कि युवा कई सालों तक राजनीतिक दलों के पीछे सरकारी नौकरी के लिए पड़े रहते हैं. वह अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय यहां-वहां दौड़-भाग कर सरकारी नौकरी की तलाश में बर्बाद करते हैं.
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मगर वही युवा सरकारी नौकरी तलाश करने के लिए राजनीतिक पार्टियों के पीछे भागने की बजाय पान की दुकान लगा ले तो उसके बैंक खाते में अब तक 5 लाख रुपए जमा होते. जबिक इससे पहले उन्होंने एक और बयान में कहा था कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. देब ने प्रज्ञा भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैकेनिकल इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले लोगों को सिविल सेवाओं का चयन नहीं करना चाहिए. समाज का निर्माण करना है. सिविल इंजीनियरों के पास यह ज्ञान है क्योंकि जो लोग प्रशासन में हैं उनको समाज का निर्माण करना है. (इनपुट भाषा से)
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