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This Article is From Jan 30, 2016

लैंगिक भेदभाव : महिलाओं के 'गर्भगृह' में प्रवेश पर रोक को लेकर एक और मंदिर चर्चा में

लैंगिक भेदभाव : महिलाओं के 'गर्भगृह' में प्रवेश पर रोक को लेकर एक और मंदिर चर्चा में
नासिक: शनि शिंगणापुर मंदिर के ‘चबूतरे’ पर महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध और मुंबई की हाजी अली दरगाह में उनके खिलाफ कुछ प्रतिबंधों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच महाराष्ट्र का प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर भी चर्चा में आ गया है। मंदिर के गर्भगृह में महिला श्रद्धालुओं की प्रार्थना पर रोक को लेकर यह मंदिर सुखिर्यों में है।

नासिक से 30 किलोमीटर दूर स्थित प्राचीन मंदिर देश में भगवान शिव का बड़ा मंदिर है, जहां 12 में से एक ज्योर्तिलिंग है और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

'पुरानी है परंपरा'
त्र्यंबकेश्वर मंदिर ट्रस्ट के सदस्य कैलाश घुले ने पीटीआई को बताया कि ‘गर्भगृह’ में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध सदियों पुरानी परंपरा है और इसे हाल में लागू नहीं किया गया है।

बहरहाल महिलाएं मुख्य इलाके के बाहर से दर्शन कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि सुबह छह बजे से सात बजे तक एक घंटे के लिए पुरुषों को भी गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है।

हाजी अली दरगाह में प्रवेश को लेकर याचिका पर सुनवाई
हाजी अली दरगाह में पवित्र स्थल के पास महिलाओं के प्रवेश की पाबंदी को लेकर मुस्लिम महिलाओं के एक समूह और हाजी अली दरगाह ट्रस्ट के बीच एक मुकदमा चल रहा है।

बॉम्‍बे हाई कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हो रही है जिसमें हाजी अली ट्रस्ट के दरगाह के पवित्र हिस्से में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने को चुनौती दी गयी है।

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