ट्राम ब्रिटिश शासन के तहत दिल्ली में पहली बार 1908 में चली थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली में ट्राम की वापसी नहीं होगी, क्योंकि दिल्ली सरकार ने इन्हें फिर से चलाए जाने की योजना को रद्द कर दिया है। सरकार इसकी जगह पुरानी दिल्ली में यात्रियों की सुविधा के लिए ई-बसें चलाने की योजना बना रही है। दिल्ली में ट्राम करीब 50 साल पहले चला करती थीं।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम की बोर्ड बैठक में यह फैसला किया गया। निगम परियोजना को देख रहा था। इस साल अगस्त में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि वह पुरानी दिल्ली के लाल किला, जामा मस्जिद, दिंगबर जैन मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ट्राम चलाएगी।
एक अधिकारी ने कहा, 'निगम की बोर्ड बैठक में पुरानी दिल्ली के क्षेत्रों में ट्राम परियोजना को रद्द करने का फैसला हुआ। सरकार ट्राम की जगह इन इलाकों में ई-बसें चलाएगी।' अधिकारी ने बताया कि ट्राम चलाने पर सरकार को अधिक खर्च करना पड़ेगा और इसके कार्यान्वयन में अधिक समय लगेगा।
ट्राम ब्रिटिश शासन के तहत दिल्ली में पहली बार 1908 में चली थी। 1960 के दशक में क्षेत्र में घनी होती आबादी की वजह से लाल किले और फतेहपुरी मस्जिद के बीच इसका चलना बंद हो गया था। अधिकारी ने कहा, निगम ने पुरानी दिल्ली के क्षेत्रों में ई-बसें चलाने का फैसला किया है, क्योंकि यह अधिक किफायती है। इसके लिए जल्द ही निविदाएं मांगी जाएंगी।
उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता में शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम की बोर्ड बैठक में यह फैसला किया गया। निगम परियोजना को देख रहा था। इस साल अगस्त में दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि वह पुरानी दिल्ली के लाल किला, जामा मस्जिद, दिंगबर जैन मंदिर, शीशगंज गुरुद्वारा, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए ट्राम चलाएगी।
एक अधिकारी ने कहा, 'निगम की बोर्ड बैठक में पुरानी दिल्ली के क्षेत्रों में ट्राम परियोजना को रद्द करने का फैसला हुआ। सरकार ट्राम की जगह इन इलाकों में ई-बसें चलाएगी।' अधिकारी ने बताया कि ट्राम चलाने पर सरकार को अधिक खर्च करना पड़ेगा और इसके कार्यान्वयन में अधिक समय लगेगा।
ट्राम ब्रिटिश शासन के तहत दिल्ली में पहली बार 1908 में चली थी। 1960 के दशक में क्षेत्र में घनी होती आबादी की वजह से लाल किले और फतेहपुरी मस्जिद के बीच इसका चलना बंद हो गया था। अधिकारी ने कहा, निगम ने पुरानी दिल्ली के क्षेत्रों में ई-बसें चलाने का फैसला किया है, क्योंकि यह अधिक किफायती है। इसके लिए जल्द ही निविदाएं मांगी जाएंगी।
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