प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) ने एम नागेश्वर राव एम नागेश्वर राव (M Nageswara Rao)को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. सीजेआई ने कहा कि वह याचिका पर सुनवाई नहीं कर सकते क्योंकि वह अगले सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली समिति बैठक का हिस्सा होंगे. प्रधानमंत्री, विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी का नेता और सीजेआई या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत का कोई न्यायाधीश इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति का हिस्सा होते हैं. सीजेआई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की एक पीठ राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक नियुक्त किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘कॉमन कॉज' की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.नागेश्वर राव की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर 24 जनवरी को अगली सुनवाई होगी. सीजेआई ने खुद को केस से अलग करते हुए आग्रह किया है कि CBI निदेशक को शॉर्टलिस्ट किए जाने, चुने जाने तथा नियुक्ति करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए.
भगोड़ा मेहुल चौकसी ने छोड़ी भारतीय नागरिकता, गृहमंत्री राजनाथ सिंह बोले- वक्त लग सकता है पर वापस लाएंगे
पीएनबी घोटाला (PNB Scam) के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) ने प्रत्यर्पण से बचने की कोशिश की है. मेहुल चौकसी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. इसके साथ ही उसने भारतीय पासपोर्ट भी सरेंडर कर दिया. चौकसी के इस कदम को प्रत्यर्पण से बचने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ वक्त लग सकता है लेकिन हम ऐसे भगोड़ों को वापस लाएंगे. राजनाथ सिंह ने कहा, "हमारी सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी पारित किया है... जो देश छोड़कर भाग गए हैं, उन्हें वापस लाया जाएगा... इसमें कुछ वक्त लग सकता है, लेकिन उन सभी को वापस लाया जाएगा..."
मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली MLA के बचाव में आए BJP विधायक, कहा- स्वाभिमान शून्य को कहा जाता है किन्नर
बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाली भाजपा (BJP)की विधायक साधना सिंह (Sadhna Singh) के बचाव में भाजपा के चर्चित विधायक सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh)उतरे हैं. यूपी के बैरिया क्षेत्र से विधायक सिंह ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए साधना के बयान को सही करार दिया. उन्होंने कहा कि स्वाभिमान शून्य व्यक्ति को किन्नर कहा जाता है. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि 'जून 1995 में हुए राज्य अतिथि गृह कांड की घटना के बाद भी मायावती ने जिस तरह से सपा से गठबंधन किया है, उससे स्पष्ट हो गया है कि मायावती स्वाभिमान शून्य महिला हैं.' इसके साथ ही सिंह ने कहा कि 'वह हिटलर स्वभाव की हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मायावती दलित एक्ट का डंक मारती रही हैं.'उन्होंने विधायक साधना सिंह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने पर कहा कि मुकदमा कैसे दर्ज होगा, हम लोग लड़ाई लड़ेंगे. बता दें, मुगलसराय क्षेत्र से भाजपा विधायक साधना सिंह ने चंदौली जिले के करणपुरा गांव में शनिवार को आयोजित किसान कुंभ कार्यक्रम में मायावती का जिक्र करते हुए कहा था, 'हमको तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ना तो महिला लगती है और ना ही पुरुष. इनको तो अपना सम्मान ही समझ में नहीं आता. जिस महिला का इतना बड़ा चीर हरण हुआ लेकिन कुर्सी पाने के लिए उसने अपने सारे सम्मान को बेच दिया. ऐसी महिला मायावती का हम इस कार्यक्रम के माध्यम से तिरस्कार करते हैं.'
भारत के 9 अमीरों के पास 50% आबादी के बराबर संपत्ति, 2018 में अरबपतियों की हर रोज 2,200 करोड़ रुपए बढ़ी दौलत : ऑक्सफैम
भारतीय अरबपतियों (Indian Billionaires) की संपत्ति में 2018 में प्रतिदिन 2,200 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. इस दौरान, देश के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की संपत्ति में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि 50 प्रतिशत गरीब आबादी की संपत्ति में महज तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ऑक्सफैम (Oxfam Report)ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के शीर्ष नौ अमीरों की संपत्ति पचास प्रतिशत गरीब आबादी की संपत्ति के बराबर है. दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक से पहले जारी इस अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर के अरबपतियों की संपत्ति में पिछले साल प्रतिदिन 12 प्रतिशत यानी 2.5 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है. वहीं, दुनियाभर में मौजूद गरीब लोगों की 50 प्रतिशत आबादी की संपत्ति में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी गयी.रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रहने वाले 13.6 करोड़ लोग साल 2004 से कर्जदार बने हुए हैं. यह देश की सबसे गरीब 10 प्रतिशत आबादी है. आक्सफैम ने दावोस में मंच की इस सालाना बैठक के लिए जुटे दुनियाभर के राजनीतिक और व्यावसायिक नेताओं से आग्रह किया है कि वे अमीर और गरीब लोगों के बीच बढ़ रही खाई को पाटने के लिए तत्काल कदम उठाएं क्योंकि यह बढ़ती असमानता गरीबी के खिलाफ संघर्ष को ही कमतर करके आंक नहीं रही है बल्कि अर्थव्यवस्थाओं को चौपट कर रही है और विश्वभर में जनाक्रोश पैदा कर रही है.