प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
29 जून से शुरू हो रही सालाना अमरनाथ यात्रा को कई खतरों से गुजरना पड़ सकता है. एक खतरा आतंकी हमले का है तो दूसरा अलगावादियों का यात्रा की अवधि कम करने की मांग को लेकर विरोध का. तीसरा खतरा मौसम का भी है. सरकार और सुरक्षाबलों के सामने अमरनाथ यात्रा शांति के साथ संपन्न कराने की चुनौती इस बार भी है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैध ने कहा कि कश्मीर आने वाले अमरनाथ यात्रियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सरकार ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं. बस उन्हें जो भी एहतियात बताए जाएं उसका वे पालन करें फिर कोई खतरा नहीं है.
वैसे अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने स्पष्ट किया है कि अमरनाथ यात्री उनके मेहमान हैं. इसके बावजूद लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ताजा गठजोड़ से लग रहा है कि कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी यह संगठन यात्रियों को निशाना न बनाएं. सेना के सूत्रों ने भी कहा है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमले कर सकते हैं. सेना की चेतावनी ऐसे वक्त आई है जब कश्मीर में सेना आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा कर चुकी है. इस साल 70 से ज्यादा आतंकी मार चुकी है.
यह भी पढ़ें : कश्मीर में संघर्ष विराम खत्म; अमरनाथ यात्रा की तैयारी, सुरक्षाबल मुस्तैद
कश्मीर में तैनात सारे सुरक्षाबल अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की फिर से समीक्षा कर रहे हैं ताकि कहीं से कोई कमी न रह जाए. सुरक्षा एजेंसियों की नई परेशानी यह है कि केंद्र सरकार यात्रा के लिए उतना सुरक्षाबल देने को फिलहाल राजी नहीं है जितने की मांग हालात से निपटने के लिए की जा रही है.
VIDEO : आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के दौरान बंद-हड़तालों और पत्थरबाजों का खतरा भी मंडरा रहा है. अलगाववादी यात्रा की अवधि कम करवाना चाहते हैं. इसके लिए वे कश्मीर में अनिश्चिकालीन बंद की धमकी दे रहे हैं. इन दो खतरों के बीच मौसम की मार को भी कोई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान मौसम कहर भी बरसा सकता है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैध ने कहा कि कश्मीर आने वाले अमरनाथ यात्रियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. सरकार ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए हैं. बस उन्हें जो भी एहतियात बताए जाएं उसका वे पालन करें फिर कोई खतरा नहीं है.
वैसे अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी ने स्पष्ट किया है कि अमरनाथ यात्री उनके मेहमान हैं. इसके बावजूद लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ताजा गठजोड़ से लग रहा है कि कहीं पिछली बार की तरह इस बार भी यह संगठन यात्रियों को निशाना न बनाएं. सेना के सूत्रों ने भी कहा है कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमले कर सकते हैं. सेना की चेतावनी ऐसे वक्त आई है जब कश्मीर में सेना आतंकवाद की कमर तोड़ने का दावा कर चुकी है. इस साल 70 से ज्यादा आतंकी मार चुकी है.
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कश्मीर में तैनात सारे सुरक्षाबल अमरनाथ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की फिर से समीक्षा कर रहे हैं ताकि कहीं से कोई कमी न रह जाए. सुरक्षा एजेंसियों की नई परेशानी यह है कि केंद्र सरकार यात्रा के लिए उतना सुरक्षाबल देने को फिलहाल राजी नहीं है जितने की मांग हालात से निपटने के लिए की जा रही है.
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इसके अलावा अमरनाथ यात्रा के दौरान बंद-हड़तालों और पत्थरबाजों का खतरा भी मंडरा रहा है. अलगाववादी यात्रा की अवधि कम करवाना चाहते हैं. इसके लिए वे कश्मीर में अनिश्चिकालीन बंद की धमकी दे रहे हैं. इन दो खतरों के बीच मौसम की मार को भी कोई नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अमरनाथ यात्रा के दौरान मौसम कहर भी बरसा सकता है.
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