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Delhi Monsoon Session: पहले ही दिन विधानसभा में 'धमाका' करेंगी CM रेखा गुप्‍ता, CAG की 2 रिपोर्ट में कई खुलासे

चार दिन चलने वाले इस विधानसभा सत्र में सरकार बीते चार महीनों की उपलब्धियां गिनवाएगी, वहीं, विपक्षी पार्टियां झुग्गियों के गिराए जाने को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगी.

Delhi Monsoon Session: पहले ही दिन विधानसभा में 'धमाका' करेंगी CM रेखा गुप्‍ता, CAG की 2 रिपोर्ट में कई खुलासे
  • दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र आगामी सोमवार से शुरू होकर चार दिनों तक चलेगा और हंगामेदार हो सकता है.
  • सत्र में वित्त वर्ष 2024 की स्टेट फाइनेंस और श्रमिकों के वेलफेयर से जुड़ी दो CAG रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएंगी.
  • विपक्ष झुग्गी गिराने के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा, जबकि सरकार ने मकान देने का दावा किया है.
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नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरु होगा. ये मानसून सत्र कई मायने में हंगामेदार होने की संभावना है. सत्र में 2 महत्वपूर्ण CAG रिपोर्ट रखे जा सकते हैं, वहीं प्राइवेट स्कूलों की फीस को लेकर भी बिल पास किया जा सकता है. वित्त वर्ष 2023-24 के स्टेट फाइनेंस से जुड़ी एक CAG रिपोर्ट रखी जाएगी, जबकि दूसरी रिपोर्ट 31 मार्च 2023 को पूरे हुए वर्ष के लिए 'walfare of building and other construction workers' से जुड़ी होगी. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता दोनों रिपोर्ट पेश करेंगी.

घेरने की कोशिश में विपक्ष 

चार दिन चलने वाले इस विधानसभा सत्र में सरकार बीते चार महीनों की उपलब्धियां गिनवाएगी, वहीं, विपक्षी पार्टियां झुग्गियों के गिराए जाने को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगी. कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने सोमवार को झुग्गियों को गिराने के विरोध में विधानसभा घेराव का ऐलान किया है. उन्‍होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में करीब 15 हज़ार झुग्गियों को गिराया जा चुका है. हालांकि सरकार का कहना है कि अब कोई भी झुग्गी तब तक नहीं तोड़ी जाएगी, जब तक उनको मकान नहीं दे दिया जाता है. रेखा गुप्ता ने कहा कि जल्द ही झुग्गीवासियों को 50 हजार पक्‍के मकान दिए जाएंगे.  

पहली बार पेपरलेस होगा विधानसभा 

4 अगस्त से 8 अगस्त तक होने वाला दिल्ली विधानसभा का पूरा सत्र पेपरलेस होगा. दिल्ली विधानसभा पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाना केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. केंद्र सरकार के वित्तीय सहयोग और दिल्ली सरकार के समन्वित प्रयासों से ये संभव हो पाया है.

अब दिल्ली विधानसभा के सभी कार्य पूरी तरह डिजिटल माध्यम से होंगे, जो नीति निर्माण की गति और गुणवत्ता दोनों को नई ऊंचाई देंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ये भी बताया कि विधानसभा परिसर में 500 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है, जिससे दिल्ली विधानसभा अब पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित हो गई है. 

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