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खास बातें
- दो मामलों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े छात्र नेता शामिल हैं, जबकि तीसरा केस सीपीएम से जुड़ा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन मामलों को लेकर कोई सख्ती नहीं दिखा रही हैं।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पिछले एक हफ्ते में तीन कॉलेजों के प्रिंसिपल छात्र नेताओं की वजह से अस्पताल जा चुके हैं। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े छात्र नेताओं ने या तो प्रिंसिपल की पिटाई की या फिर उनके साथ बदसलूकी की। दो मामलों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़े छात्र नेता शामिल हैं, जबकि तीसरा केस सीपीएम से जुड़ा है।
हैरानी की बात तो यह है कि रायगंज कॉलेज में प्रिंसिपल की पिटाई को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने छोटा−मोटा मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया। यही नहीं उनके मंत्री भी छात्रों को नसीहत देने की बजाय मीडिया को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
वहीं सीपीएम ने राज्य सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि रायगंज कॉलेज में प्रिंसिपल पर हमला करने वाले तृणमूल कार्यकर्ता तो जमानत पर छूट गए, लेकिन दूसरे कॉलेज के प्रिंसिपल पर हमले को लेकर सीपीएम कार्यकर्ताओं पर गैर−जमानती धाराएं लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया गया।