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This Article is From Aug 22, 2021

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए

आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर जिले के नागबेरान त्राल के वन क्षेत्र में ऊंचाई वाले इलाकों में घेराबंदी एवं तलाश अभियान चलाया.

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए
प्रतीकात्मक तस्वीर.
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकवादी मारे गए. इनमें से एक आतंकवादी जून में भाजपा कार्यकर्ता राकेश पंडित की हत्या में शामिल था. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सुरक्षा बलों ने दक्षिण कश्मीर जिले के नागबेरान त्राल के वन क्षेत्र में ऊंचाई वाले इलाकों में घेराबंदी एवं तलाश अभियान चलाया. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. गोलीबारी के दौरान जैश-ए-मोहम्मद से संबद्ध तीन आतंकवादी मारे गए. पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) विजय कुमार ने बताया कि इनमें से एक आतंकवादी की पहचान वकील शाह के रूप में की गई है.

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पुलिस महानिरीक्षक ने अवंतीपुरा में सेना के विक्टर फोर्स मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘शाह हाल में ही पुलिस द्वारा जारी 10 शीर्ष वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था. वह भाजपा नेता राकेश पंडित की हत्या में शामिल था. यह एक बड़ी सफलता मिली है.'' पुलिस ने अन्य दो आतंकवादियों की पहचान अब्दुल हामिद चोपन और इलियास नजर के रूप में की है. उन्होंने कहा कि चोपन का बेटा आदिल भी आंतकवादी था और नागरिकों की हत्या में शामिल था. वह भी 2017 में एक मुठभेड़ में मारा गया था. उन्होंने कहा कि खेलन, पुलवामा का निवासी नजर जून 2019 से सक्रिय था और कई आतंकी अपराध मामलों और नागरिक अत्याचार में शामिल था. उन्होंने कहा, ‘‘ यह एक बहुत कठिन अभियान था और हमारे पक्ष को बिना नुकसान हुए यह पूरा हुआ. हमने इलाके की घेराबंदी कर उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उन्होंने गोलियां चलाईं और जवाबी कार्रवाई में मारे गए.''

पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि आतंकवादी गुर्जर समुदाय के परिवारों का उत्पीड़न करते थे. ये यहीं छुपे थे. आतंकवादियों को कड़ा संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि उनके छुपने के लिए कोई जगह नहीं है. कुमार ने कहा, ‘‘ मैं आतंकवादियों और उनके परिवारों को कहना चाहता हूं कि आप ऐसा न सोचें कि आप नागरिकों की हत्या करने के बाद पहाड़ों में जाकर छुप जाएंगे और कोई कुछ नहीं करेगा. हमारे सुरक्षाकर्मी पेशेवर हैं और हम आपका वहां भी पता लगा लेंगे और आपका सफाया कर देंगे.'' विक्टर फोर्स के जीओसी मेजर जनरल राशिम बाली ने भी मीडिया को संबोधित किया. बाली ने कहा कि लंबे समय से आतंकवादी इस इलाके से काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘ इस अभियान से हमारी तरफ़ से कड़ा संदेश गया है कि उनके लिए कोई जगह नहीं है, यहां तक कि जंगलों में भी उनके लिए जगह नहीं है. हमें उनके बारे में जानकारी मिलेगी और हम उनका सफ़ाया करेंगे. जब भी हमें जानकारी मिलेगी, हम सही दिशा में अभियान शुरू कर उनका सफ़ाया करेंगे.''

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बाली ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से दो एके-47, एक एसएलआर, एक यूबीजीएल और भारी मात्रा में गोला-बारूद जब्त किए गए. कुलगाम में 13 अगस्त को मुठभेड़ स्थल से आरपीजी बरामद होने के बाद घाटी में इस तरह के और हथियारों की मौजूदगी संबंधी सूचना के बारे में कुमार ने कहा कि सुरक्षाबलों को क्षेत्र में इस तरह के हथियार की मौजदूगी की सूचना नहीं है. वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि अब तक इस साल सिर्फ़ एक विदेशी आतंकवादी मारा गया है, जिसने ‘हाल में ही घुसपैठ'की थी.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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