नई दिल्ली:
विवादास्पद केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त पीजे थामस ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह असंदिग्ध ईमानदार व्यक्ति हैं और सरकार के सचिव चयनित होने के बाद इस पद के लिए सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं। उन्होंने कहा कि छांटे गए नौकरशाहों में वह सबसे वरिष्ठ थे और मुख्य सचिव के पद पर काम करने वाले एकमात्र व्यक्ति थे। इसके अलावा सीवीसी के पद के लिए उनके नाम पर विचार किए जाने के मामले में उन्हें केन्द्रीय सतर्कता आयोग से मंजूरी मिल चुकी थी क्योंकि पामोलिन आयात मामले में उनके खिलाफ अभियोजन को अनुमति नहीं दी गई थी। थामस ने कहा कि भ्रष्टाचार मामले से संबंधित दस्तावेजों को प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली समिति को वितरित किए जाने के बारे में जो सवाल है, उसका सीवीसी की नियुक्ति के लिए अपनाई जाने वाली चयन प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में कोई प्रासंगिकता नहीं है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय में दाखिल हलफनामे में यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय समिति के समक्ष रखे गए दस्तावेजों की जांच इस तथ्य की रोशनी में प्रासंगिक नहीं होगी कि पद के लिए छांटे गए सभी नाम सरकार के सचिवों के थे। उनके चयन की प्रक्रिया के कारण सचिवों की ईमानदारी पर संदेह नहीं किया जा सकता।