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This Article is From Jun 26, 2020

इस बच्ची का साहस बना सबके लिए प्रेरणा, सिर्फ एक हाथ से छात्रों के लिए सिले मास्क...

कर्नाटक के उदूपी जिले की छठीं कक्षा की छात्रा सिंधुरी एक हाथ के बिना ही पैदा हुईं थीं. इसके बावजूद भी वे मास्क सिलने से नहीं रुकीं.

इस बच्ची का साहस बना सबके लिए प्रेरणा, सिर्फ एक हाथ से छात्रों के लिए सिले मास्क...
सिंधुरी सिलाई मशीन पर मास्क सिलते हुए.
बेंगलुरु:

कर्नाटक के उदूपी जिले की छठीं कक्षा की छात्रा सिंधुरी एक हाथ के बिना ही पैदा हुईं थीं. इसके बावजूद भी वे मास्क सिलने से नहीं रुकीं. कोरोनावायरस महामारी के बीच कर्नाटक की एक दस साल की बच्ची ने अपने साहस से बहुत से लोगों को प्रेरित किया है. दरअसल यह स्काउट और स्कूल की गाइड विंग का लक्ष्य था कि छात्रों को मास्क बांटे जाएंगे. छात्रा सिंधुरी ने बताया कि उन्होंने 15 मास्क सिले हैं. शुरुआत में वे सिर्फ एक हाथ से सिलाई करने से हिचक रही थी लेकिन उनकी मां ने मदद की जिसके बाद वे ये काम कर सकीं. 

बता दें कि सिले गए मास्क 12वीं कक्षा के छात्रों के बीच बांटे गए. जो कि आज सुबह परीक्षा में बैठे थे. कोरोना के खिलाफ मास्क सभी के लिए अनिवार्य हैं.  सिंधुरी के बारे में उनके शिक्षकों ने बताया कि वे एक प्रतिभावान छात्रा हैं और बहुत जल्दी सीखती हैं. वे माउंट रोजरी स्कूल की स्काउट और गाइड ग्रुप का हिस्सा हैं.

कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच देश भर से कई बच्चों ने मिसाल पेश की है. वे अनोखे तरीकों से स्थानीय लोगों की मदद करते नजर आए. कुछ ने मास्क बनाकर तो कई बच्चों ने कोरोनोवायरस के लिए अपनी बचत का दान देकर योगदान दिया. अप्रैल में, 17 साल के लड़के ने घातक बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद भी 2 लाख रुपये का दान PM-CARES फंड में दिया. यह राशि उसे दो राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के लिए मिली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, दिल्ली के एक छात्र ने घर पर फेस शील्ड तैयार की. 10वीं के छात्र ने अपने स्टडी रूम को फेस शील्ड प्रोडक्शन रूम में बदल दिया था. उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को 100 फेस शील्ड भेंट की. 

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