नई दिल्ली:
जम्मू क्षेत्र में गुरुवार को दोहरे आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रमजीत सिंह को सांबा क्षेत्र में 16वीं कैवेलरी इकाई पर हमले के दौरान काफी करीब से पेट में दो गोली मारी गई।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारी के पास उस समय हथियार नहीं था और वह ऑफिसर मेस से पास के आवासीय क्षेत्र में जा रहे थे जहां उनका परिवार रहता था।
करीब से गोली लगने से अधिकारी की मौत हो गई जो इकाई के सेकेंड इन कमान थे।
विक्रमजीत सिंह चंडीगढ़ के रहने वाले थे और वे दिसंबर 1998 में भारतीय सैन्य आकादमी से पास होने के बाद इस प्रतिष्ठित सेवा में शामिल हुए थे।
इकाई के कमाडिंग ऑफिसर कर्नल अविन उथया आतंकी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए और वे इकाई के एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने हमले का जवाब दिया। उन्हें पठानकोट में सैन्य अस्पताल ले जाया गया।
सूत्रों ने कहा कि अधिकारी के पास उस समय हथियार नहीं था और वह ऑफिसर मेस से पास के आवासीय क्षेत्र में जा रहे थे जहां उनका परिवार रहता था।
करीब से गोली लगने से अधिकारी की मौत हो गई जो इकाई के सेकेंड इन कमान थे।
विक्रमजीत सिंह चंडीगढ़ के रहने वाले थे और वे दिसंबर 1998 में भारतीय सैन्य आकादमी से पास होने के बाद इस प्रतिष्ठित सेवा में शामिल हुए थे।
इकाई के कमाडिंग ऑफिसर कर्नल अविन उथया आतंकी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए और वे इकाई के एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने हमले का जवाब दिया। उन्हें पठानकोट में सैन्य अस्पताल ले जाया गया।
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