टाटा मोटर्स और नरेंद्र मोदी के बीच कोई 'गुप्त समझौता' नहीं हुआ : शाह आयोग

टाटा मोटर्स और नरेंद्र मोदी के बीच कोई 'गुप्त समझौता' नहीं हुआ : शाह आयोग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फाइल फोटो...

खास बातें

  • न्यायमूर्ति एमबी शाह आयोग ने कांग्रेस के आरोप को खारिज किया
  • समझौते के कारण 33,000 करोड़ रुपये की अनुचित रियायत मिलने का आरोप लगाया था
  • कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए बिंदुओं को स्वीकार करना मुश्किल- आयोग
अहमदाबाद:

न्यायमूर्ति एमबी शाह आयोग ने कांग्रेस के उस आरोप को खारिज कर दिया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने राज्य के साणंद में नैनो कार के विनिर्माण संयंत्र की स्थापना को लेकर टाटा मोटर्स के साथ 'गुप्त समझौता' किया था.

राज्य विधानसभा में पिछले हफ्ते आयोग की रिपोर्ट पेश की गई जो मोदी पर लगाए गए आरोपों की जांच से जुड़ी है. ये आरोप मुख्य रूप से प्रमुख औद्योगिक एवं बुनियादी संरचना परियोजनाओं के लिए भूमि के आवंटन से संबंधित हैं. इसमें टाटा नैनो संयंत्र, अडाणी समूह के मुंद्रा बंदरगाह एवं विशेष आर्थिक क्षेत्र तथा लार्सन एंड टूब्रो से जुड़े नौ मामले शामिल हैं.

2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को दिए गए ज्ञापन में प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया था कि टाटा मोटर्स को 'मोदी एवं कंपनी के बीच गुप्त समझौते' के कारण 33,000 करोड़ रुपये की अनुचित रियायत मिली. नेताओं ने और भी कई आरोप लगाए.

हालांकि टाटा नैनो परियोजना को लेकर राज्य सरकार के विस्तृत जवाब से संतुष्ट शाह आयोग ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा उठाए गए बिंदुओं को स्वीकार करना मुश्किल है. (इनपुट भाषा से)


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