के टी एस तुलसी ने अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर दिया बयान
नई दिल्ली:
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे (Agustawestland case) मामले में केंद्र सरकार (Central Government) बिचौलिये क्रिश्चयन मिशेल (Christian Michel Extradition) को भारत लेकर आ गई है. सरकार का दावा है कि क्रिश्चयन से पूछताछ के बाद इस सौदे को लेकर कई राज खुल सकते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने राजस्थान में एक चुनाव रैली के दौरान भी मिशेल (Christian Michel Extradition) के लाए जाने और इस सौदे और कांग्रेस से जुड़े कई राज खुलने की बात कही है. लेकिन के टी एस तुलसी (K T S Tulsi) का मानना है कि मिशेल को भारत लाने के भी इस मामले में कांग्रेस की कोई मुश्किल नहीं बढ़ने वाली. उन्होंने बुधवार को कहा कि देश की एजेसिंया एक मुल्जिम को उठाकर ले आए हैं. उससे मारपीट करके जबरदस्ती कुछ निकलवाने की कोशिश की जाएगी. जबकि वह आरोपी पहले ही कह चुका है कि उससे जबरदस्ती बुलावने की कोशिश की जा रही है.
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तुलसी ने कहा कि एक आरोपी के बयान से होता क्या है यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि अगर जांच एजेंशियों को पता लगाना है तो उन्हें यह पता लगाना चाहिए कि आखिर वर्ष 2003 में इस हेलीकॉप्टर (Agustawestland case) की ऊंचाई किसके कहने पर घटाई. उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से राफेल घोटाले को छुपाने की कोशिश है. मैं आपको बता देना चाहता हूं कि इससे राफेल के मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा. राफेल का मामला तो बिल्कुल साफ है. वह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है. बता दें कि अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद मामले के मुख्य बिचौलिये मिशेल को मंगलवार रात को भारत लेकर आया गया है. मिशेल को दुबई से भारत लेकर आया गया.
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मिशेल के आने पर भारतीय जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह उन नेताओं और नौकरशाहों के नाम उगल सकता है जिन्हें 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी. इससे रफाल डील पर कांग्रेस के आरोपों का सामना कर रही है मोदी सरकार नये सिरे से कांग्रेस पर आक्रामक हो सकती है. ऐसा हो सकता है कि मोदी सरकार कांग्रेस सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार का पता लगाएगी और चुनाव में इसे भुनाने की कोशिश भी करेगी. दरअसल ऐसी संभवाना इसलिए भी व्यक्त की जा रही हैं क्योंकि बीते कुछ समय से राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार जहां बैकफुट पर नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर है.
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यही वजह है कि मिशेल को भारत लाया जाना मोदी सरकार के लिए किसी अच्छे संकेत से कम नहीं है. हो सकता है कि मोदी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे अपना चुनावी हथियार बना ले और कांग्रेस के खिलाफ इसे एक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल करे. क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में इस बिचौलिये की मदद से कई खुलासे हो सकते हैं.
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तुलसी ने कहा कि एक आरोपी के बयान से होता क्या है यह सबको पता है. उन्होंने कहा कि अगर जांच एजेंशियों को पता लगाना है तो उन्हें यह पता लगाना चाहिए कि आखिर वर्ष 2003 में इस हेलीकॉप्टर (Agustawestland case) की ऊंचाई किसके कहने पर घटाई. उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी तरह से राफेल घोटाले को छुपाने की कोशिश है. मैं आपको बता देना चाहता हूं कि इससे राफेल के मुद्दे पर कोई असर नहीं पड़ेगा. राफेल का मामला तो बिल्कुल साफ है. वह आजादी के बाद का सबसे बड़ा घोटाला है. बता दें कि अगुस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद मामले के मुख्य बिचौलिये मिशेल को मंगलवार रात को भारत लेकर आया गया है. मिशेल को दुबई से भारत लेकर आया गया.
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मिशेल के आने पर भारतीय जांच एजेंसियों की पूछताछ में वह उन नेताओं और नौकरशाहों के नाम उगल सकता है जिन्हें 3600 करोड़ रुपए के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी. इससे रफाल डील पर कांग्रेस के आरोपों का सामना कर रही है मोदी सरकार नये सिरे से कांग्रेस पर आक्रामक हो सकती है. ऐसा हो सकता है कि मोदी सरकार कांग्रेस सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार का पता लगाएगी और चुनाव में इसे भुनाने की कोशिश भी करेगी. दरअसल ऐसी संभवाना इसलिए भी व्यक्त की जा रही हैं क्योंकि बीते कुछ समय से राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार जहां बैकफुट पर नजर आ रही है, वहीं कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष सरकार पर हमलावर है.
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यही वजह है कि मिशेल को भारत लाया जाना मोदी सरकार के लिए किसी अच्छे संकेत से कम नहीं है. हो सकता है कि मोदी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसे अपना चुनावी हथियार बना ले और कांग्रेस के खिलाफ इसे एक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल करे. क्योंकि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में इस बिचौलिये की मदद से कई खुलासे हो सकते हैं.
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