सुप्रीम कोर्ट में अब अंग्रेजी में लिखे जाने वाले फैसलों का कई अन्य भाषाओं में अनुवाद होगा.
खास बातें
- इसी माह से हिंदी, असमिया, उड़िया, कन्नड़ में होगा अनुवाद
- मराठी और तेलुगू भाषाओं में भी जजमेंट ट्रांसलेट किए जाएंगे
- दुनिया भर की अदालतों में अंग्रेजी या स्थानीय भाषा में होते हैं जजमेंट
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में अब जल्द ही अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी जजमेंट मिलेंगे. फिलहाल इस महीने से हिंदी, असमिया, उड़िया, कन्नड़, मराठी और तेलुगू भाषाओं में भी जजमेंट ट्रांसलेट किए जाएंगे. इसके बाद तमिल समेत अन्य भाषाओं में भी यह जजमेंट ट्रांसलेट होंगे.
सुप्रीम कोर्ट विश्व का ऐसा पहला कोर्ट होगा जिसमें इतनी भाषाओं में जजमेंट अनुदित होंगे. दुनिया भर की अदालतों में या तो अंग्रेजी में जजमेंट लिखे जाते हैं या फिर स्थानीय भाषा में.
सुप्रीम कोर्ट के अफसरों के मुताबिक जजमेंट को भाषाओं में ट्रांसलेट करने में मकान मालिक-किराएदार विवाद, आपराधिक केस आदि को वरीयता दी जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अब हिन्दी में अनुवाद होगा : सीजेआई रंजन गोगोई
गौरतलब है कि पिछले साल दो नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पत्रकारों को बताया था कि आम लोगों तक पहुंच के लिए यह जरूरी है कि आम भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट ट्रांसलेट किए जाएं. उन्होंने बताया था कि जस्टिस एसए बोबड़े इस दिशा में काम कर रहे हैं.
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