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This Article is From Aug 26, 2021

संपत्ति देश की है; भाजपा या मोदी की नहीं : एनएमपी पर ममता बनर्जी का हमला

मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल तस्वीरें लेने के लिए किया जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि कितने लोग कच्चे घरों में रहते हैं और हर जिले में कितने पक्के मकान बनाने की जरूरत है.

संपत्ति देश की है; भाजपा या मोदी की नहीं : एनएमपी पर ममता बनर्जी का हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने बुधवार को राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) नीति को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए दावा किया कि यह देश की संपत्ति बेचने की साजिश है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) या भाजपा (BJP) की संपत्ति नहीं हैं. तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) प्रमुख ने एनएमपी को ''चौंकाने वाला और दुर्भाग्यपूर्ण फैसला'' करार देते हुए आरोप लगाया कि इन संपत्तियों को बेचने से मिले पैसों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान विपक्षी दलों के खिलाफ किया जाएगा.

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ममता ने राज्य सचिवालय नबन्ना में पत्रकारों से कहा, "हम इस चौंकाने वाले और दुर्भाग्यपूर्ण फैसले की निंदा करते हैं. ये संपत्ति देश की हैं. ये न तो मोदी की संपत्ति हैं और न ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की. वे (केंद्र सरकार) अपनी मर्जी से देश की संपत्ति को नहीं बेच सकते." उन्होंने कहा कि पूरा देश इस "जनविरोधी" फैसले का विरोध करेगा और एक साथ खड़ा होगा. उन्होंने कहा, "भाजपा को शर्म आनी चाहिए. किसी ने उन्हें हमारे देश की संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं दिया है." वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन की घोषणा की थी.

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ममता ने “राज्य को विभाजित करने” की मांग को लेकर भाजपा नेताओं के एक वर्ग पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, "भाजपा विधानसभा चुनाव हार गयी लेकिन इसके बाद भी उनके केंद्रीय नेता दैनिक यात्रियों की तरह बंगाल की यात्रा कर रहे हैं. अब, वे हमारे राज्य को विभाजित करना चाहते हैं. इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा." पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए राज्य से भाजपा सांसद जॉन बारला ने जून में सभी उत्तर बंगाल जिलों को शामिल करते हुए एक अलग केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने की मांग की थी और तर्क दिया था कि इस क्षेत्र में पिछले एक दशक में शायद ही कोई विकास हुआ है.

केंद्रीय योजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीमों द्वारा राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किए जाने की खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ममता ने कहा कि केंद्र को राज्य सरकार को सूचित किए बिना टीमों को नहीं भेजना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘संसदीय समितियां आ सकती हैं, लेकिन केंद्र हमें जानकारी दिए बिना कुछ लोगों को भेज देता है... 100 दिन के काम, कौशल विकास और आवास योजना समेत कई क्षेत्रों में राज्य पहले नंबर पर है.'' पश्चिम बंगाल अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ममता ने आगामी पांच वर्षों में राज्य भर में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों के लिए 20 लाख घर बनाने की योजना की घोषणा की.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल तस्वीरें लेने के लिए किया जाएगा ताकि पता लगाया जा सके कि कितने लोग कच्चे घरों में रहते हैं और हर जिले में कितने पक्के मकान बनाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस साल के अंत तक पश्चिम बंगाल दलित साहित्य अकादमी का एक सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रही है जहां सभी राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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