पांच राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस (Congress Leadership) पार्टी के नेतृत्व को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस बीच पूर्व कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार (Ashwini Kumar) ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि मौजूदा नेतृत्व को लोग नकार चुके हैं. उन्होंने कहा कि अगर बदलाव होना होता तो इतने सालों की हार के बाद बदलाव हो गए होते. न तो अभी तो हुए हैं और मुझे उम्मीद नहीं है कि कोई रचनात्मक बदलाव की गुंजाइश है. इसके कारण है, क्योंकि एक इतिहास है कांग्रेस पार्टी का कि जो परिवार कह दे, वो फाइनल है. ये ठीक है कि पिछले कई सालों में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बहुत कुशल नेतृत्व किया है कांग्रेस पार्टी का और उनसे पहले भी गांधी परिवार के सदस्यों ने कांग्रेस को मजबूती दी है. मगर पिछले कुछ सालों से लगातार लोग कांग्रेस छोड़ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि देश की जनता को ये मैसेज जा रहा है कि आप चाहे जिसको मर्जी नकारो मगर हम कुछ लोग उन्हीं को मानेंगे. आप अगर राइट को जाओगे तो कांग्रेस पार्टी लेफ्ट को जाएगी. इस तरह का मैसेज जा रहा है. जहां तक समीक्षा का सवाल है, समीक्षा किसकी करनी है. कारण तो सामने ही है, जगजाहिर है. इसमें कोई समीक्षा की जरूरत नहीं है. सही मायने में कांग्रेस का जो नेतृत्व है, उसको लोग नकार रहे हैं. लगातार नकार रहे हैं.
अश्विनी कुमार ने कहा कि जिसको लोग बार बार नकार रहे हैं, उसी को आप अपना महान नेता बता रहे हो तो कहीं न कहीं दिक्कत तो है. गांधी परिवार के बिना भी पार्टी चली है. सीताराम केसरी और नरसिंहा राव के समय भी कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया है. जिन लोगों को बार-बार जनता नकार चुकी है, उन्हें बनाए रखते हैं तो आपका भगवान ही मालिक है. उन्होंने कहा कि ये तर्क गलत है कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस चल नहीं सकती. जान-समझते हुए भी कांग्रेस पार्टी खुद को नहीं सुधारना चाहती तो फिर भगवान उसका मालिक है. देश की जनता अपने नेता चुन ही लेगी. मैं व्यक्तिगत तौर पर किसी परिवार या व्यक्ति पर कुछ नहीं कह रहा हूं. लेकिन मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि अब गांधी परिवार न तो कांग्रेस पार्टी के लिए वोट हासिल कर सकता है और न ही कांग्रेसियों को बांधकर रख सकता है.
कपिल सिब्बल भी उठा चुके सवाल
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यह गांधी परिवार के लिए नेतृत्व की भूमिका से हटकर किसी और को मौका देने का समय है. अगर 8 साल बाद भी पार्टी के पतन के कारणों की जानकारी नहीं है तो कांग्रेस गलतफहमी में रह रही है.
बता दें कि कपिल सिब्बल उन 23 कांग्रेस नेताओं में से एक हैं जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में बदलाव की मांग की थी. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को 'स्वेच्छा से दूर जाना' चाहिए. सीडब्ल्यूसी के बाहर भी एक कांग्रेस है. अगर आप चाहें तो कृपया उनके विचार सुनें. हमारे जैसे बहुत से नेता जो सीडब्ल्यूसी में नहीं हैं, लेकिन हमारा दृष्टिकोण बिल्कुल अलग है. मुझे 'सबकी कांग्रेस' चाहिए, 'घर की कांग्रेस' नहीं.
यह भी पढ़ें:
सोनिया गांधी ने चुनावों में करारी हार के बाद पांच राज्यों के कांग्रेस प्रमुखों को हटाया
प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक
गांधी परिवार पर कमेंट को लेकर निशाने पर कपिल सिब्बल, पार्टी नेताओं ने कहा-RSS और BJP की..
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं