भारत में कोरोना से हुई मौतों पर अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' में प्रकाशित रिपोर्ट को भारत सरकार ने निराधार बताया है. सरकार ने कहा कि यह रिपोर्ट किस आधार पर बनाई गई है, इसका कोई प्रमाण नहीं है. इस रिपोर्ट को अनुमानों के आधार पर तैयार किया गया है. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों की तुलना में दोगुना है.
'द न्यूयॉर्क टाइम्स' पर डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि अगर उदाहरण के तौर पर न्यूयॉर्क की बात की जाए तो यहां पिछले साल मई के आसपास कोरोना के 2 लाख मामले थे. वहीं सेरो सर्वे में 17 लाख लोगों के संक्रमित होने की बात कही गई थी. अगर हम अपने सेरो सर्वे पर जाते हैं तो संक्रमण से मौत की दर 0.05% है. वहीं, वास्तविक मृत्यु दर 1.1% है जो रोज आप सुनते हैं. हमारा आंकड़ा है 0.05% का और रिपोर्ट में दर्शाया जा रहा है 0.3% का. 6 गुना ज्यादा क्यों? किस आधार पर? पॉल ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट पर कहा कि 5 लोग जुटे.. फोन मिलाया और ऐसे ये रिपोर्ट तैयार हुई है.
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मृत्यु के आंकड़े में लेट रिपोर्टिंग हो सकती है पर जो सिस्टम है उसमें आएगा ही. इस रिपोर्ट में अपने तरीके से 12 गुना बढ़ा दिया गया. यह रिपोर्ट कुछ विकृत लोगों ने बैठकर अनुमानों के आधार पर तैयार की है. वीके पॉल ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की ओर इशारा करते हुए कहा कि इतने प्रतिष्ठित अखबार में ऐसी निराधार रिपोर्ट प्रकाशित नहीं होनी चाहिए थी. हम इस रिपोर्ट को नहीं मानते हैं.
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