प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्रालय ने कई महीनों की देरी के बाद आखिरकार नई रक्षा खरीद प्रक्रिया को मंजूरी दे ही दी। ज्यादा जोर मेक इन इंडिया और जल्द खरीद पर है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि 28 मार्च को यह रक्षा मंत्रालय की बेवसाइट पर आ जाएगा और दो अप्रैल से लागू माना जाएगा। इससे अब सेनाओं को अपने हथियार और साजो-सामान के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। रक्षा खरीद परिषद को फास्ट-ट्रैक सौदों का पॉवर मिल गया है। पहले युद्ध के समय में ही फास्ट ट्रैक प्रक्रिया का पालन होता था। लेकिन अब रक्षा मंत्री के नेतृत्व वाली डीएसी ही फैसला कर सकती है। करगिल के कॉफिन-स्कैम के बाद से फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया बंद थी। इस नीति के तहत भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें मेक इन इंडिया, छोटी इकाइयों और सेना की जरूरतों को आधार बनाया गया है।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि 28 मार्च को यह रक्षा मंत्रालय की बेवसाइट पर आ जाएगा और दो अप्रैल से लागू माना जाएगा। इससे अब सेनाओं को अपने हथियार और साजो-सामान के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। रक्षा खरीद परिषद को फास्ट-ट्रैक सौदों का पॉवर मिल गया है। पहले युद्ध के समय में ही फास्ट ट्रैक प्रक्रिया का पालन होता था। लेकिन अब रक्षा मंत्री के नेतृत्व वाली डीएसी ही फैसला कर सकती है। करगिल के कॉफिन-स्कैम के बाद से फास्ट-ट्रैक प्रक्रिया बंद थी। इस नीति के तहत भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें मेक इन इंडिया, छोटी इकाइयों और सेना की जरूरतों को आधार बनाया गया है।
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