केंद्र सरकार एयर इंडिया (Air India) के विनिवेश (Disinvestment) के लिए समयसीमा बढ़ाकर 15 दिसंबर तक कर सकती है. सूत्रों ने कहा कि एयर इंडिया के परिसंपत्ति मूल्यांकन नियमों को आसान बनाते हुए बोलीदाताओं को उद्यम मूल्य के आधार पर पेशकश करने की इजाजत भी दी जा सकती है.
सूत्र ने मंगलवार को घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी के लिए आरंभिक अभिरुचि पत्र दाखिल करने की तिथि 15 दिसंबर तक बढ़ाई जा सकती है. सूत्र ने कहा कि उद्यम मूल्य के आधार पर बोली आमंत्रित की जाएगी, जो अधिग्रहण सौदों के लिए एक लोकप्रिय मूल्यांकन पद्धति है. उद्यम मूल्य (ईवी) कंपनी की कुल कीमत का मूल्यांकन करने का तरीका है. इसका इस्तेमाल अक्सर इक्विटी बाजार पूंजीकरण के व्यापक विकल्प के तौर पर होता है.
एयर इंडिया पर मार्च 2019 तक करीब 60 हजार करोड़ रुपये का घाटा है. इसमें करीब 23 हजार करोड़ रुपये खरीदने वाली कंपनी द्वारा वहन करने का प्रस्ताव है. सरकार लंबे समय से इसे बेचने की तैयारी कर रही है. बोली लगाने की मौजूदा समयसीमा 30 अक्टूबर को खत्म हो रही है. विनिवेश की तारीख बढ़ी तो यह पांचवा विस्तार होगा.
कर्ज अदायगी में भी दी जाएगी ढील
सूत्र ने कहा कि बोली लगाने वालों को पूरी कंपनी के लिए पेशकश करने के लिए कहा जाएगा. इसकी 85 फीसदी राशि कर्ज चुकाने में चली जाएगी और शेष राशि सरकार को मिलेगी.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं