वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह चुनौतियों भरा समय है और सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या भारत सचमुच में 'नरमी' में फंस गया है. वह यहां वित्तीय विषय पर अंग्रेजी में लिखी पुस्तक 'द राइज ऑफ फाइनांस: कॉजेज, कॉन्सिक्युऐंसेस एंड क्योर' के विमोचन पर बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक ऐसे समय में आई है जबकि आर्थिक नरमी की प्रवृत्ति को लेकर सवाल किए जा रहे हैं. यह नरमी वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रही है और उसे नीचे खींच रही है. ऐसे में यह सवाल भी लाजिमी है कि क्या भारत वास्तव में नरमी में फंस गया है.
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सीतारमण ने कहा, 'यह किताब वैश्विक स्तर पर (अर्थव्यवस्थाओं के) वित्तीयकरण के उभार की समीक्षा करती है..... वर्तमान में जिन चुनौतियों का सामना वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था कर रही हैं उसके समाधान के लिए पुस्तक में प्रस्तुत समाधानों की मैं सराहना करती हूं.' उन्होंने कहा कि यह पुस्तक 'दुनिया और भारतीय अर्थव्यवस्था की मौजूदा आर्थिक स्थिति को समझने' में मदद करती हैं.
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यह किताब वी. अनंत नागेश्वरण और गुलजार नटराजन ने साथ लिखी है. नागेश्वरण, क्रेया विश्वविद्यालय में आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन हैं. नटराजन वैश्विक नवोन्मेष कोष के वरिष्ठ प्रबंध निदेशक हैं. सीतारमण ने कहा, 'एक पाठ्य पुस्तक के तौर पर मुझे पूरा भरोसा है कि यह बहुत लोकप्रिय होगी.'
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