यह ख़बर 19 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बादलों का कहर : रक्षा सेनाओं ने चलाया व्यापक बचाव अभियान

खास बातें

  • पिछले कई दशकों के सबसे बड़े राहत और बचाव अभियानों में से एक में सुरक्षा बलों ने उत्तराखंड के वर्षा से घिरे इलाकों में करीब 20 विमानों और 8,500 से अधिक जवानों को लगाया है।
नई दिल्ली:

पिछले कई दशकों के सबसे बड़े राहत और बचाव अभियानों में से एक में सुरक्षा बलों ने उत्तराखंड के वर्षा से घिरे इलाकों में करीब 20 विमानों और 8,500 से अधिक जवानों को लगाया है।

रक्षा मंत्री एके एंटनी ने तीनों सेनाओं को आदेश दिया है कि वह राज्य में अपने अधिकतम संभव साधनों को तैनात करें और राहत और बचाव अभियानों में स्थानीय अधिकारियों और प्रशासन की मदद करें।

सेना ने सीमा सड़क संगठन के 3000 सैनिकों के साथ अपने करीब 5,600 जवानों को बुलडोजर और जेसीबी जैसे भारी उपकरणों के साथ तैनात किया है। भारतीय वायु सेना ने अपने 18 हेलीकॉप्टर लगाए हैं। इनमें चार अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर हैं। ये हेलीकॉप्टर वायुसेना की सारंग टुकड़ी का हिस्सा हैं। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि केवल 18 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है क्योंकि बारिश के कारण जमीन पोली हो गई है और ऐसे में भारतीय वायु सेना के पायलट हेलीकॉप्टर को उतारना सुरक्षित नहीं मान रहे।

इस समस्या के चलते वायु सेना ने अपने हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और अन्य हल्के हेलीकॉप्टरों को सबसे ज्यादा प्रभावित केदारनाथ इलाके में लगाया है, जहां 14 किलोमीटर की सड़क बाढ़ में बह गई।

वायु सेना को देहरादून में हवाई ईंधन की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। राहत अभियानों के लिए देहरादून से ही उड़ानों का संचालन किया जा रहा है।

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भारतीय वायु सेना ने अपने सी 130 जे सुपर हरक्यूलस परिवहन विमान को राहत अभियान में लगाया है, जो अपने आधुनिक राडार का इस्तेमाल करके राज्य की उंची पहाड़ियों में सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों का पता लगा रहा है। इस विमान को लगाए जाने के बाद राहत अभियानों में खासी तेजी आई है।