नई दिल्ली:
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी एक बार फिर सिंचाई घोटाले में घिरे नजर आ रहे हैं। अब नितिन गडकरी की केंद्र को लिखी एक चिट्ठी सामने आई है, जिसमें वह जल संसाधन मंत्री पवन बंसल को खत लिखकर विदर्भ के गोसीखुर्द बांध प्रोजेक्ट के लिए पैसे मांग रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में ठेकेदार गडकरी के ही दोस्त अजय संचेती और बीजेपी के एक नेता मितेश बांगड़िया हैं। एक खास बात यह है कि ठीक यही चिट्ठी प्रकाश जावड़ेकर ने भी लिखी है। यानि एक ही चिट्ठी गडकरी के नाम से गई है और जावड़ेकर के नाम से भी।
एनडीटीवी से बातचीत में नितिन गडकरी ने चिट्ठी लिखने की बात स्वीकार की है।
इससे पहले उन पर अरविंद केजरीवाल टीम की अंजलि दमानिया ने सिंचाई घोटाले को दबाने के इल्जाम लगाए थे और अब एक चिट्ठी सामने आई है जो बताती है कि कैसे गडकरी केन्द्र को चिट्ठी लिखकर विदर्भ के गोसीखुर्द प्रोजेक्ट के लिए पैसे मांग रहे हैं।
नितिन गडकरी की चिट्ठी :-
श्री पवन बंसल
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री
गोसीखुर्द विदर्भ का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसका उद्घाटन श्री राजीव गांधी ने 1988 में किया था। केंद्र सरकार ने 2009 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट माना इसलिए इसके लिए 90 फीसदी फंड केंद्र से मिलना है। केंद्र के कहने पर गोसीखुर्द का स्पेशल ऑडिट किया गया और हाईपावर कमेटी में राज्य के अधिकारियों ने सभी आपत्तियों के जवाब दिए। उन्होंने ये भी पाया कि शिकायतों का कोई आधार नहीं है। राज्य सरकार ने केंद्र के बताए हुए सभी कदम उठाए हैं और अब कुछ भी करना बाकी नहीं है। सेन्ट्रल वॉटर कमीशन के चेयरमैन ने भी गोसीखुर्द के काम का मुआयना शिकायतकर्ता के साथ किया है। ये सभी राजनीतिक तौर पर की गई शिकायतें हैं। अगर गोसीखुर्द के काम में कुछ गड़बड़ी है तो उसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार है।
14 मई 2012 को एक बार फिर बैठक हुई है और ये फैसला लिया गया कि केन्द्र से मिलने वाला पैसा रिलीज किया जाए। इसके लिए प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में भेज दिया गया है। मुझे ऐसा पता चला है कि कुछ लोगों ने एक बार फिर ज्वाइंट सेक्रेटरी के पास नई शिकायतें की हैं इसीलिए ढाई महीने के बाद भी वित्त विभाग ने पैसा नहीं दिया है। बांध का काम तेजी से चल रहा है। पैसा न मिलने की वजह से ठेकेदारों ने अपना काम बंद कर दिया है। इसके चलते ये पूरा काम ठप्प पड़ जाएगा। फिलहाल 400 करोड़ रुपये ठेकेदारों का बकाया है इसलिए आपसे निवेदन है कि प्रोजेक्ट के लिए ये पैसा दिया जाए।
धन्यवाद
नितिन गडकरी
एनडीटीवी से बातचीत में नितिन गडकरी ने चिट्ठी लिखने की बात स्वीकार की है।
इससे पहले उन पर अरविंद केजरीवाल टीम की अंजलि दमानिया ने सिंचाई घोटाले को दबाने के इल्जाम लगाए थे और अब एक चिट्ठी सामने आई है जो बताती है कि कैसे गडकरी केन्द्र को चिट्ठी लिखकर विदर्भ के गोसीखुर्द प्रोजेक्ट के लिए पैसे मांग रहे हैं।
नितिन गडकरी की चिट्ठी :-
श्री पवन बंसल
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री
गोसीखुर्द विदर्भ का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। इसका उद्घाटन श्री राजीव गांधी ने 1988 में किया था। केंद्र सरकार ने 2009 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट माना इसलिए इसके लिए 90 फीसदी फंड केंद्र से मिलना है। केंद्र के कहने पर गोसीखुर्द का स्पेशल ऑडिट किया गया और हाईपावर कमेटी में राज्य के अधिकारियों ने सभी आपत्तियों के जवाब दिए। उन्होंने ये भी पाया कि शिकायतों का कोई आधार नहीं है। राज्य सरकार ने केंद्र के बताए हुए सभी कदम उठाए हैं और अब कुछ भी करना बाकी नहीं है। सेन्ट्रल वॉटर कमीशन के चेयरमैन ने भी गोसीखुर्द के काम का मुआयना शिकायतकर्ता के साथ किया है। ये सभी राजनीतिक तौर पर की गई शिकायतें हैं। अगर गोसीखुर्द के काम में कुछ गड़बड़ी है तो उसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार है।
14 मई 2012 को एक बार फिर बैठक हुई है और ये फैसला लिया गया कि केन्द्र से मिलने वाला पैसा रिलीज किया जाए। इसके लिए प्रस्ताव वित्त मंत्रालय में भेज दिया गया है। मुझे ऐसा पता चला है कि कुछ लोगों ने एक बार फिर ज्वाइंट सेक्रेटरी के पास नई शिकायतें की हैं इसीलिए ढाई महीने के बाद भी वित्त विभाग ने पैसा नहीं दिया है। बांध का काम तेजी से चल रहा है। पैसा न मिलने की वजह से ठेकेदारों ने अपना काम बंद कर दिया है। इसके चलते ये पूरा काम ठप्प पड़ जाएगा। फिलहाल 400 करोड़ रुपये ठेकेदारों का बकाया है इसलिए आपसे निवेदन है कि प्रोजेक्ट के लिए ये पैसा दिया जाए।
धन्यवाद
नितिन गडकरी
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