यह ख़बर 30 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

क्या-क्या होना बाकी है तेलंगाना को राज्य का दर्जा मिलने में...

खास बातें

  • आंध्र प्रदेश के टुकड़े कर उसमें से तेलंगाना को अलग राज्य बनाए जाने की मांग दरअसल पिछले पांच दशक से हो रही थी... मंगलवार शाम को केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने सर्वसम्मति से तेलंगाना को अलग राज्य बनाए जाने पर सहमति दे दी है... अब त
नई दिल्ली:

आंध्र प्रदेश के टुकड़े कर उसमें से तेलंगाना को अलग राज्य बनाए जाने की मांग दरअसल पिछले पांच दशक से हो रही थी... मंगलवार शाम को केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने सर्वसम्मति से तेलंगाना को अलग राज्य बनाए जाने पर सहमति दे दी है... अब तेलंगाना भारतीय गणराज्य का 29वां राज्य होगा।

* हालांकि राज्य के गठन का रास्ता मंगलवार को साफ हुआ है, लेकिन राज्य का वास्तविक और औपचारिक गठन अगले वर्ष के आरंभ में ही हो पाएगा...

* कैबिनेट अपनी योजना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ बांटेगी, और आंध्र प्रदेश के विधानमंडल सदस्यों से उनकी राय ली जाएगी...

* इसके बाद प्रधानमंत्री राज्य के तीनों क्षेत्रों - तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा तथा तेलंगाना के नेताओं के बीच राजस्व और पानी के बंटवारे जैसे मुद्दों पर एकमत तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री एक समिति गठित करेंगे...

* इसके पश्चात संसद के दोनों सदनों में अलग राज्य बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा...

तेलंगाना को अलग राज्य बनाए जाने के लिए पिछले पांच दशक से जारी संघर्ष वर्ष 2009 में बहुत जोरशोर से राष्ट्रीय पटल पर सामने आया था, जब तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने 10 दिन तक अनशन किया, जिसे भारी समर्थन मिला...

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इसके बाद, दिसंबर, 2009 में आश्चर्यजनक रूप से केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा दिए जाने की घोषणा की, लेकिन कुछ ही दिनों में केंद्र को पलटना पड़ा, क्योंकि आंध्र प्रदेश के शेष दोनों हिस्सों - तटीय आंध्र प्रदेश तथा रायलसीमा - में हिंसा भड़क उठी...