सीतलवाड़ और जावेद आनंद के खिलाफ 8 जुलाई को मामला दर्ज किया गया था।
मुंबई:
सीबीआई अगले 2 हफ्ते तक सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड को गिरफ्तार नहीं कर सकती। क्योंकि बॉम्बे हाईकोर्ट से उन्हें अंतरिम राहत मिली है। इसके पहले सीबीआई की विशेष अदालत ने तीस्ता की अग्रीम जमानत खारिज कर दी थी।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत के बिना फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपये लेने और फिर उसे गलत मद में खर्च करने का आरोप है। इसलिये सीबीआई ने उनके सबरंग कम्युनिकेशन ट्रस्ट और ट्रस्टियों के खिलाफ भादवी(आईपीसी) की धारा 120 और एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है। पिछले हफ्ते सीबीआई ने तीस्ता के घर और दफ्तर पर छापा भी मारा था।
इसके पहले दोपहर को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीस्ता सीतलवाड की अग्रीम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। सीबीआई जज अनिश खान ने अदालत मे जैसे ही अपना फैसला सुनाया। तब वहां मौजूद तीस्ता अदालत में खड़ी हो गई और कहा कि इस फैसले से वो हैरान और व्यथित हैं और उनके लोगों का मानना है कि ये सब दिल्ली के इशारे पर उन्हें परेशान करने के लिये किया जा रहा है। इस पर जज ने कहा कि उनके खिलाफ अदालत का मामला बन सकता है। तब तीस्ता अदालत से बाहर चली गई और फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट मे चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने तीस्ता को 2 हफ्ते की अंतरिम राहत देते हुये उन्हें 27 और 30 जुलाई, 3 और 6 अगस्त को 4 घंटे के लिये सीबीआई के दफ्तर में हाजिर रहने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड और उनके पति जावेद आनंद पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत के बिना फोर्ड फाउंडेशन से 1.5 करोड़ रुपये लेने और फिर उसे गलत मद में खर्च करने का आरोप है। इसलिये सीबीआई ने उनके सबरंग कम्युनिकेशन ट्रस्ट और ट्रस्टियों के खिलाफ भादवी(आईपीसी) की धारा 120 और एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है। पिछले हफ्ते सीबीआई ने तीस्ता के घर और दफ्तर पर छापा भी मारा था।
इसके पहले दोपहर को सीबीआई की विशेष अदालत ने तीस्ता सीतलवाड की अग्रीम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। सीबीआई जज अनिश खान ने अदालत मे जैसे ही अपना फैसला सुनाया। तब वहां मौजूद तीस्ता अदालत में खड़ी हो गई और कहा कि इस फैसले से वो हैरान और व्यथित हैं और उनके लोगों का मानना है कि ये सब दिल्ली के इशारे पर उन्हें परेशान करने के लिये किया जा रहा है। इस पर जज ने कहा कि उनके खिलाफ अदालत का मामला बन सकता है। तब तीस्ता अदालत से बाहर चली गई और फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट मे चुनौती दी।
हाईकोर्ट ने तीस्ता को 2 हफ्ते की अंतरिम राहत देते हुये उन्हें 27 और 30 जुलाई, 3 और 6 अगस्त को 4 घंटे के लिये सीबीआई के दफ्तर में हाजिर रहने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।
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