नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनी पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने से निराश तलवार दम्पति ने कहा है कि जब तक उनकी इकलौती बेटी आरुषि के वास्तविक हत्यारे नहीं पकड़ लिए जाते, वे आराम से नहीं बैठेंगे।
गौरतलब है कि नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दंपति की पुनर्विचार याचिका के साथ-साथ आरुषि की मां नूपुर तलवार की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। दरअसल, पुनर्विचार याचिका में दंपति ने कोर्ट से हत्याकांड में उन पर मुकदमा चलाने का आदेश देने वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।
दम्पति ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "हम अदालत में अपने व अपनी इकलौती बच्ची आरुषि के सम्मान की रक्षा करेंगे और जब तक हम निर्दोष साबित नहीं हो जाते, हमारा सम्मान हमें वापस नहीं मिल जाता, वास्तविक हत्यारे नहीं पकड़े जाते व उनके खिलाफ सुनवाई शुरू नहीं होती, हम आराम से नहीं बैठेंगे।"
उन्होंने कहा, "हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हमारी पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने से बहुत निराश हैं, लेकिन हम इसे विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। हमारा विश्वास है कि हमें एक दिन न्याय मिलेगा।" उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने मामले में आगे जांच कराने की मांग करने वाली याचिका भी खारिज कर दी है। नूपुर इस समय गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं, जबकि उसके पति जमानत पर हैं।
14-वर्षीय आरुषि 16 मई, 2008 को नोएडा में अपने माता-पिता के घर में मृत पड़ी मिली थी, और अगले ही दिन घर की छत से परिवार के नौकर हेमराज का शव भी बरामद हुआ था। सीबीआई ने इस मामले में तलवार दम्पति को आरोपी बनाया है।
गौरतलब है कि नोएडा के बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दंपति की पुनर्विचार याचिका के साथ-साथ आरुषि की मां नूपुर तलवार की जमानत याचिका भी खारिज कर दी। दरअसल, पुनर्विचार याचिका में दंपति ने कोर्ट से हत्याकांड में उन पर मुकदमा चलाने का आदेश देने वाले अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।
दम्पति ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, "हम अदालत में अपने व अपनी इकलौती बच्ची आरुषि के सम्मान की रक्षा करेंगे और जब तक हम निर्दोष साबित नहीं हो जाते, हमारा सम्मान हमें वापस नहीं मिल जाता, वास्तविक हत्यारे नहीं पकड़े जाते व उनके खिलाफ सुनवाई शुरू नहीं होती, हम आराम से नहीं बैठेंगे।"
उन्होंने कहा, "हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हमारी पुनर्विचार याचिका खारिज किए जाने से बहुत निराश हैं, लेकिन हम इसे विनम्रता के साथ स्वीकार करते हैं। हमारा विश्वास है कि हमें एक दिन न्याय मिलेगा।" उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने मामले में आगे जांच कराने की मांग करने वाली याचिका भी खारिज कर दी है। नूपुर इस समय गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं, जबकि उसके पति जमानत पर हैं।
14-वर्षीय आरुषि 16 मई, 2008 को नोएडा में अपने माता-पिता के घर में मृत पड़ी मिली थी, और अगले ही दिन घर की छत से परिवार के नौकर हेमराज का शव भी बरामद हुआ था। सीबीआई ने इस मामले में तलवार दम्पति को आरोपी बनाया है।
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