नई दिल्ली:
आरुषि-हेमराज दोहरे हत्याकांड की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि आरोपी राजेश तलवार ने इस मामले में दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया, तथ्य छिपाए और निचली अदालत में मुकदमे से बचने के लिए न्यायालय को गुमराह किया। न्यायालय के समक्ष एक हलफनामा दाखिल करते हुए सीबीआई के अधीक्षक नीलाभ किशोर ने आरोप लगाया कि तलवार ने निचली अदालत के खिलाफ दायर अपील में जानबूझकर एक झूठी याचिका लगाई कि उसे जुलाई 2008 में जमानत पर रिहा कर दिया गया, जो तथ्यों से बिलकुल उलट है। इस पर न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी और न्यायमूर्ति एसएस निज्जर की पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर सोमवार को विचार करेगी जब यह मामला सुनवाई के लिए आएगा। सीबीआई ने स्पष्ट किया कि एजेंसी ने तलवार की न्यायिक हिरासत बढ़वाने की मांग नहीं की थी क्योंकि उस समय जांचकर्ताओं को उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं मिले थे, जिसके चलते तलवार को रिहा कर दिया गया था। तलवार दंपति ने अपने खिलाफ शुरू की गई न्यायिक कार्रवाई को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, सीबीआई ने इस याचिका को खारिज करने की मांग की है। सीबीआई का आरोप है कि अपील के साथ लगाई गई जमानत याचिका फर्जी है क्योंकि ऐसा कोई दस्तावेज था ही नहीं।