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This Article is From Apr 27, 2012

मेनन अपहरण : मध्यस्थों की वार्ता समाप्त

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के अपहृत जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन को सुरक्षित मुक्त कराने के लिए शुक्रवार को राज्य सरकार एवं नक्सलियों के मध्यस्थों की बैठक पांच घंटे से भी अधिक समय तक चली। इस बीच नक्सलियों ने जिलाधिकारी की रिहाई के लिए नई मांग रखी और अपने आठ के बजाय 17 साथियों को छोड़ने के लिए कहा है।

नक्सलियों ने हैदराबाद के प्रोफेसर जी. हरगोपाल एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी बी.डी. शर्मा को अपनी तरफ से मध्यस्थ नियुक्त किया है, जबकि राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा को नियुक्त किया है।

सूत्रों ने बताया कि अब शर्मा एवं हरगोपाल गुरुवार एवं शुक्रवार को हुई दो दिवसीय वार्ता की जानकारी देने के लिए नक्सलियों के नियंत्रण वाले सुकमा जिले के टरमेटला इलाके में जाएंगे। उच्च पदस्थ अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार शर्मा एवं हरगोपाल को टरमेटला जाने के लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था करेगी। शर्मा बस्तर के जिला अधिकारी रह चुके हैं।

सूत्र ने बताया कि सरकारी मध्यस्थों ने वार्ता के दौरान नक्सलियों की दोनों मांगों 17 कैदियों की रिहाई एवं नक्सल विरोधी अभियान 'आपरेशन ग्रीन हंट' को रोकने पर सरकार के नजरिए को स्पष्ट कर दिया।

मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पत्रकारों से कहा, "अब सब कुछ नक्सलियों पर निर्भर करता है कि वे अपनी दोनों मांगों पर हमारा दृष्टिकोण जानने के बाद कैसी प्रतिक्रिया देते हैं? अब अपहृत जिला अधिकारी एलेक्स पॉल मेनन को सुरक्षित मुक्त कराना हमारी उच्च प्राथमिकता है।"

रायपुर में छत्तीसगढ़ सरकार एवं नक्सलियों के मध्यस्थों के बीच दूसरे चरण की वार्ता शुक्रवार सुबह नौ बजे शुरू हुई। प्रथम चरण की वार्ता गुरुवार को हुई थी।

नक्सलियों ने 22 अप्रैल को मीडिया को भेजे ऑडियो संदेश में कहा था कि राज्य सरकार उनके आठ प्रमुख साथियों को रिहा करे।
नक्सलियों ने 2006 बैच के आईएएस अधिकारी मेनन को गत शनिवार को अगवा कर लिया था।

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