सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:
दागी सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों को जल्द निपटाने के लिए विशेष अदालतों के गठन की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. इन मामलों को एक साल में निपटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की उस स्कीम को हरी झंडी दी है, जिसमें केंद्र ने 12 विशेष अदालतों का गठन करने की बात कही थी. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 7.80 करोड़ के फंड को तुरंत राज्य सरकारों को रिलीज करने को कहा है. राज्य सरकार को इन मामलों में हाईकोर्ट सलाह के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करना होगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हाईकोर्ट को इन विशेष अदालतों के लिए जजों की नियुक्ति करनी होगी. अदालत के गठन के बाद सांसदों व विधायकों से जुड़े मामले इनमें ट्रांसफर होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सांसदों व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों का ब्यौरा इकट्ठा करने के लिए केंद्र को दो महीने का वक्त दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अंत नहीं शुरुआत है. जब अदालतें शुरु होंगी और केसों के आंकड़े आएंगे, तब जरूरी आदेश जारी किया जाएगा.बता दें कि इन मामलों में अगली सुनवाई सात मार्च को होगी
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि इस वक्त 1581 सांसद व विधायकों पर करीब 13500 आपराधिक मामले लंबित है और इन मामलों के निपटारे के लिए एक साल के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन होगा. इसके लिए 7.80 करोड रुपये का खर्च आएगा. वित्त मंत्रालय ने 8 दिसंबर को इसके लिए मंजूरी भी दे दी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि हाईकोर्ट को इन विशेष अदालतों के लिए जजों की नियुक्ति करनी होगी. अदालत के गठन के बाद सांसदों व विधायकों से जुड़े मामले इनमें ट्रांसफर होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सांसदों व विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों का ब्यौरा इकट्ठा करने के लिए केंद्र को दो महीने का वक्त दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये अंत नहीं शुरुआत है. जब अदालतें शुरु होंगी और केसों के आंकड़े आएंगे, तब जरूरी आदेश जारी किया जाएगा.बता दें कि इन मामलों में अगली सुनवाई सात मार्च को होगी
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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि इस वक्त 1581 सांसद व विधायकों पर करीब 13500 आपराधिक मामले लंबित है और इन मामलों के निपटारे के लिए एक साल के लिए 12 विशेष अदालतों का गठन होगा. इसके लिए 7.80 करोड रुपये का खर्च आएगा. वित्त मंत्रालय ने 8 दिसंबर को इसके लिए मंजूरी भी दे दी है.
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