अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (फाइल फोटो)
इलाहाबाद:
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज और श्री कल्कि फाउंडेशन के संस्थापक और कांग्रेस के सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णन का नाम शामिल है. परिषद ने कहा कि यह दोनों बाबा किसी संन्यासी परंपरा से नहीं आते. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को बैठक में महंतों ने प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और विरोध स्वरूप कुम्भ 2019 का शाही स्नान नहीं करने का एलान कर दिया. बाड़ा उदासीन अखाड़ा कीडगंज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक फर्जी बाबा की सूची जारी करने के साथ ही इलाहाबाद में 2019 में होने वाले कुंभ पर्व की तैयारियों की समीक्षा की गई.
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इस बैठक में 13 आखड़ों के प्रतिनिधि शामिल थे. इस बैठक में परिषद ने फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची जारी करते हुए चक्रपाणि महाराज और आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम डाला है. स्वामी चक्रपाणि महाराज अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णम श्री कल्कि फाउंडेशन के संस्थापक और कांग्रेस नेता हैं. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और गंगा को निर्मल करने के लिये उचित प्रयास न होने और सड़कों के चौड़ीकरण में विलंब के विरोध में शाही स्नान न करने का एलान किया.
VIDEO: फ़र्ज़ी बाबा कहने पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को नोटिस
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोई भी साधू-संत सरकारी सेवाओं का उपयोग नहीं करेगा. इस संदर्भ में महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि कुंभ की तैयारियां संतोषजनक नहीं है वह शाही स्नान का विरोध करेंगे.
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इस बैठक में 13 आखड़ों के प्रतिनिधि शामिल थे. इस बैठक में परिषद ने फर्जी बाबाओं की तीसरी सूची जारी करते हुए चक्रपाणि महाराज और आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम डाला है. स्वामी चक्रपाणि महाराज अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णम श्री कल्कि फाउंडेशन के संस्थापक और कांग्रेस नेता हैं. इसके साथ ही अखाड़ा परिषद ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और गंगा को निर्मल करने के लिये उचित प्रयास न होने और सड़कों के चौड़ीकरण में विलंब के विरोध में शाही स्नान न करने का एलान किया.
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बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोई भी साधू-संत सरकारी सेवाओं का उपयोग नहीं करेगा. इस संदर्भ में महंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि कुंभ की तैयारियां संतोषजनक नहीं है वह शाही स्नान का विरोध करेंगे.
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