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This Article is From Feb 21, 2017

सतलुज यमुना लिंक मामला : पंजाब ने SC से कहा- किसानों को दी गई जमीन वापस लेना संभव नहीं

सतलुज यमुना लिंक मामला : पंजाब ने SC से कहा- किसानों को दी गई जमीन वापस लेना संभव नहीं
नई दिल्ली: एसवाईएल यानी सतलुज यमुना लिंक मामले में पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि पिछले साल अधिसूचना के बाद किसानों को दी गई जमीनों को वापस लेना संभव नहीं है. पंजाब सरकार ने कहा है कि ये केंद्र की जिम्मेदारी थी कि वो दो राज्यों के बीच जल बंटवारे को लेकर मध्यस्थ की भूमिका अदा करे, लेकिन केंद्र ने ऐसा कभी नहीं किया. केंद्र सरकार ने कभी भी दोनों राज्यो के बीच चल रही जल बंटवारे की समस्या को खत्म करने की कोशिश नहीं की. केंद्र सरकार की ये जिम्मेदारी थी कि वो वाटर ट्रिब्यूनल का गठन करे लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए 20 फरवरी तक का वक्त दिया था. दरअसल सुप्रीम कोर्ट सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में हरियाणा सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. हरियाणा ने पंजाब सरकार को नहर की जमीन किसानों को वापस देने से रोके जाने की मांग की है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जमीन वापस दिए जाने पर यथास्थिति बरकरार रखते हुए कमेटी से जमीनी हकीकत की रिपोर्ट मांगी थी.

गौरतलब है कि 10 नवंबर, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब द्वारा पड़ोसी राज्यों के साथ सतजुल यमुना लिंक नहर समझौता निरस्त करने के लिए 2004 में बनाए गए कानून को असंवैधानिक करार दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमेंट एक्ट 2004 सुप्रीम कोर्ट के फैसलों, इंटर स्टेट नदी जल विवाद एक्ट और अन्य संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है. सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने साफ किया कि पंजाब अन्य राज्यों से किए गए एग्रीमेंट के बारे में एकतरफा फैसला नहीं ले सकता.

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