पिछले दिनों जिस कबूतर को पाकिस्तान प्रशिक्षित पक्षी समझकर पकड़ा गया था उसे अब छोड़ दिया गया है. अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान के एक ग्रामीण ने दावा किया कि यह उसका पालतू कबूतर है. कबूतर पर लगे एक टैग और पिंक पैच के चलते शक हुआ था. कुछ भी संदिग्ध नहीं पाए जाने पर उसे रिहा कर दिया गया. जम्मू कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को कबूतर को रिहा कर दिया गया. उन्होंने कहा कि जांच में कबूतर में कुछ भी सशंकित नहीं मिलने के बाद यह कदम उठाया गया. सूत्रों के अनुसार कबूतर को वहीं छोड़ दिया गया है जहां से उसको पकड़ा गया था. कबूतर के कथित मालिक हबीबुल्लाह ने कहा कि वो सिर्फ एक निर्दोष पक्षी है, कबूतर मालिक ने कबूतर को रिहा करने की अपील की थी. हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कबूतर अपने कथित मालिक के पास लौटा है या नहीं.
पाकिस्तानी शख्स ने उस आरोप को भी खारिज किया जिसमें कबूतर के पैर में अंकित नंबर कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों के लिए कोड है. बॉर्डर के करीब एक गांव के रहने वाले हबीबुल्लाह ने बताया कि उसका कबूतर रेसिंग में हिस्सा लेता है और जो नंबर उसके पैर में लिखा था वह उसका मोबाइल नंबर है.
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार यह कबूतर पिछले रविवार को शाम 7 बजे अंतरराष्ट्रीय सीमा के चड़वाल इलाके में गीता देवी के घर में घुस गया था. गीता देवी ने कबूतर के पैर में एक अंगूठी नोटिस देखी थी. जिसके बाद इस कबूतर को पकड़कर इसे बीएसएफ को सौंप दिया गया था. बीएसएफ ने इस कबूतर को स्थानीय पुलिस को दे दिया था. बता दें कि इससे पहले कई पक्षी पकड़े गए थे जो पाकिस्तान से भेजे गए संदेशों को लेकर आते थे.
अधिकारी के अनुसार यह अंतरराष्ट्रीय सीमा काफी संवेदनशील है और यहां घुसपैठ भी सामान्य है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से संदेश भेजने के लिए कबूतरों का इस्तेमाल होता रहा है, उन्होंने कहा कि आम तौर पर पक्षियों पर संदेह नहीं होता है लेकिन यदि कुछ आसामान्य होता है तो उसे अनदेखा भी नहीं किया जा सकता है.
Video: कांग्रेस नेताओं ने 'शांति दूत' की ली जान, रॉकेट में बंद करके उड़ा दिया
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं