विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में स्वीकार किया कि अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को हाल में जो पत्र लिखा है, उसमें कुछ वाक्य आपत्तिजनक हैं।
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New Delhi:
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने लोकसभा में बुधवार को यह स्वीकार किया कि गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को हाल में जो पत्र लिखा है, उसमें कुछ वाक्य आपत्तिजनक हैं। अन्ना प्रकरण पर सदन में बुधवार को हुई चर्चा के दौरान मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शिकायत की कि अन्ना की आलोचना किए जाने पर वह उन सहित यूपीए के मंत्रियों से नाराजगी जता रही हैं, लेकिन अन्ना ने प्रधानमंत्री को जो आपत्तिजन बाते कहीं हैं, उस पर चुप्पी साधे हुए हैं। इस पर सुषमा ने कहा, हजारे की चिट्ठी के कुछ वाक्य आपत्तिजनक हैं और वह उनका समर्थन नहीं करती हैं। गौरतलब है कि हजारे ने 13 अगस्त को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा था, क्या आप और आपकी सरकार हमारे मौलिक अधिकारों का हनन नहीं कर रहे हैं। क्या आप स्वतंत्रता दिवस से दो दिन पहले हमारी आजादी हमसे नहीं छीन रहे हैं। मैं सोच रहा हूं कि 65वें स्वतंत्रता दिवस पर आप क्या मुंह लेकर लाल किले पर ध्वज फहराएंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा था, ...आपकी उम्र 79 साल है। देश के सर्वोच्च पद पर आप आसीन हैं। जिंदगी ने आपको सब कुछ दिया। अब आपको जिंदगी से और क्या चाहिए। हिम्मत कीजिए और कुछ ठोस कदम उठाइए।
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