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This Article is From Dec 27, 2011

मौजूदा स्वरूप में स्वीकार नहीं लोकपाल बिल : सुषमा

नई दिल्ली: सुषमा ने कहा कि सरकार के बिल में कई ख़ामियां हैं। उनका कहना है कि बिल कई अहम कायदों का उल्लंघन करता है। सदन में विपक्ष की नेता का कहना है कि बिल ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेरा है। सुषमा के अनुसार बिल में संविधान के मुताबिक आरक्षण नहीं दिया गया है। साथ ही सुषमा स्वराज ने कहा कि राज्यों में लोकायुक्त बनाने का हक राज्यों को ही दिया जाए। इसके अलावा लोकायुक्त को अनुच्छेद 253 के तहत लाया गया है। सुषमा का कहना है कि बिल संघीय ढांचे के मुताबिक नहीं है। भाजपा नेता का मानना है कि राज्यों में लोकायुक्त बिल से बेहतर तरीके से काम किया जा सकता है। सुषमा का कहना है कि सरकार बिल को लेकर असमंजस की स्थिति में है। साथ ही उनका कहना है कि संवैधानिक पदों के लिए आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। विपक्ष की नेता का कहना है कि वर्तमान बिल के अनुसार राज्यों के अधिकार में केंद्र का दखल हो रहा है।विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार मौजूदा लोकपाल बिल वापस ले। साथ ही उनका कहना है कि 2−3 महीने बाद बिल आए तो आफत नहीं है। सुषमा स्वराज के स्वर में स्वर मिलाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी कहा कि सरकार को बिल वापस लेना चाहिए।

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