सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तेलंगाना सरकार के इमारतों को गिराने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट की रिपोर्ट में माना गया है कि इमारतों में खामियां हैं. 25.5 एकड़ में 10 लाख वर्ग फुट में फैले राज्य सचिवालय भवनों (Telangana Secretariat building) को ढहाने का फैसला तेलंगाना सरकार ने किया है. नए सचिवालय में जनता के 1000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
इससे पहले तेलंगाना उच्च न्यायालय ने राज्य सचिवालय के भवनों के गिराने पर 10 जुलाई को प्रोफेसर पीएल विश्वेश्वर राव और डॉ चेरुकु सुधाकर की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने सरकार को सभी मुद्दों पर आवश्यक विवरणों के साथ अपना जवाब देने का निर्देश दिया था. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि वर्तमान सचिवालय परिसर का विध्वंस कानून की निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना किया जा रहा है. इस परिसर में 10 ब्लॉक हैं.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सरकार का यह कदम निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, महामारी रोग अधिनियम 1897 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 सहित अन्य कानूनों के खिलाफ है. के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली सरकार ने सात जुलाई को पुराने सचिवालय को गिराने का कार्य शुरू कर दिया था.
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