(फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय विशेष सीबीआई जज बी.एच. लोया की कथित तौर पर रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की एक स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को फिर से सुनवाई शुरू करेगा. वह संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे. लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने पर मृत्यु हो गई थी. उस वक्त वह एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे. शीर्ष न्यायालय ने 22 जनवरी की आखिरी सुनवाई के दौरान याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों को गंभीर बताया था लेकिन मामले में भाजपा प्रमुख अमित शाह पर आक्षेप लगाए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे को फटकार लगाई थी.
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के प्रति भी नाराजगी जताई थी जिन्होंने मीडिया संबंधी अपना बयान बाद में वापस ले लिया था.
यह भी पढ़ें : नागपुर पुलिस का दावा, जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई, पोस्टमॉर्टम और फोरेसिंक रिपोर्ट में भी वही बात
तब से, राजनीतिक पार्टियां और प्रमुख रूप से कांग्रेस लोया की मौत के मुद्दे को न्यायिक मंच के बाहर उठा रही है और एक स्वतंत्र जांच की मांग कर रही है.
VIDEO : जज लोया मामले में अब CJI करेंगे फैसला
शीर्ष न्यायालय में लंबित दो याचिकाएं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बीएस लोन ने दायर की हैं. बाद में पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एक अर्जी दायर कर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और पूर्व पुलिस अधिकारियों की एक समिति द्वारा स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह के प्रति भी नाराजगी जताई थी जिन्होंने मीडिया संबंधी अपना बयान बाद में वापस ले लिया था.
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तब से, राजनीतिक पार्टियां और प्रमुख रूप से कांग्रेस लोया की मौत के मुद्दे को न्यायिक मंच के बाहर उठा रही है और एक स्वतंत्र जांच की मांग कर रही है.
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शीर्ष न्यायालय में लंबित दो याचिकाएं कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बीएस लोन ने दायर की हैं. बाद में पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने एक अर्जी दायर कर उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और पूर्व पुलिस अधिकारियों की एक समिति द्वारा स्वतंत्र जांच कराने की मांग की थी.
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