आरे कॉलोनी के जंगल से पेड़ कटाई का मामला सुप्रीम कोर्ट में
नई दिल्ली:
मुंबई की ऑरे कॉलोनी में जंगल कटाई का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. दरअसल, बंबई हाईकोर्ट द्वारा पेड़ कटाई रोकने को लेकर दी गई याचिका को खारिज करने के बाद छात्रों ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में छात्रों ने कहा कि है कि जिस तरह से पर्यावरण को दरकिनार कर बड़े स्तर पर पेड़ों की कटाई की जा रही है उसे समय रहते रोका जाना जरूरी है. बता दें ऑरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो शेड के लिए तीन हजार के करीब पेड़ों को काटा जाना है. राज्य सरकार के इस फैसले का शुरू से पर्यावरण विद और अन्य स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
10 बड़ी बातें
- छात्रा की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट करेगा आरे कॉलोनी के जंगल में हो रही पेड़ों की कटाई के मामले की सुनवाई.
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरे कॉलोनी के जंगल से पेड़ कटाई को रोकने वाली याचिका को पहले खारिज कर दिया था.
- पेड़ कटाई के खिलाफ बड़े स्तर पर पर्यावरण विद, स्थानीय लोग और बॉलीवुड कलाकार अभियान चला रहे हैं.
- इस अभियान में कई विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिल रहा है. कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने भी इस अभियान को अपना समर्थन दिया था.
- ट्री कमेटी की ओर से पेड़ों को काटने की अनुमति देने के बाद अदालत में इस मामले पर याचिका दायर की गई थी.
- बीते काफी दिनों से आरे कॉलोनी में जंगल काटने को लेकर विरोध हो रहा है. सरकार वहां मेट्रो कार शेड बनाना चाहती है.
- पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि आरे में कारशेड की योजना ज़मीन हड़पने के लिए है.
- कुछ समय पहले ही मेट्रो शेड से अलग आरे कॉलोनी में अंतरराष्ट्रीय दर्जे का चिड़ियाघर बनाने के लिए बीएमसी, वन विभाग और राज्य सरकार के बीच करार हुआ था.
- करार के मुताबिक आरे कॉलोनी की 120 एकड़ जमीन पर 500 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर बनाया जाएगा.
- पेड़ काटने के खिलाफ जहां लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है तो वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा और नेता जिग्नेश मेवानी ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई.