नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में युवक की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के खिलाफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश पर FIR दर्ज न करने पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना कार्रवाई पर रोक लगा दी है. कोर्ट का कहना है कि फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. साथ ही शुक्रवार को जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिया है.
जम्मू-कश्मीर सरकार ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवक की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करने को कहा गया है.
इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है. आदेश पर कारवाई न करने पर मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए.
दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए.
जम्मू-कश्मीर सरकार ज्यूडिशयल मजिस्ट्रेट के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले युवक की मौत के मामले में हत्या की FIR दर्ज करने को कहा गया है.
इसमें DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वालों को आरोपी बनाया गया है. आदेश पर कारवाई न करने पर मजिस्ट्रेट ने अदालत की अवमानना का मामला भी शुरू किया है. निचली अदालत ने यह भी कहा था कि मामले की जांच DSP स्तर के अफसर से कराई जाए.
दरअसल युवक शब्बीर अहमद मीर के पिता ने शिकायत दी थी कि10 जुलाई को DSP यासिर कादरी और अन्य पुलिस वाले उसके घर पहुंचे. पहले शब्बीर की मां से मारपीट की और फिर शब्बीर की दो गोलियां मारकर हत्या कर दी. इस शिकायत के आधार पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने 18 जुलाई को SSP को हत्या की FIR दर्ज कर DSP स्तर के अफसर से जांच कराने के आदेश जारी किए. पुलिस ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कुछ गलत नहीं है. इसके बाद राज्य सरकार ने अब इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और कहा है कि मजिस्ट्रेट ने इस मामले में जरूरत से ज्यादा जल्दबाजी दिखाई. जिस दिन शिकायत मिली, उसी दिन FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए.
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