सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को न्यायालय आने का "निमंत्रण" दिया और "प्रदूषण से निपटने के लिए नए आइडिया" साझा करने के लिए कहा. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यह कोई समन नहीं है बल्कि उनसे जानकारी लेने के लिए एक आमंत्रण है. प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "गडकरी के पास नवीन विचार यानी नए आइडिया हैं. हम उनसे न्यायालय आने और हमारी सहायता करने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि वह निर्णय लेने की स्थिति में हैं."
केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि इसे "राजनीतिक तरीके से देखा जा सकता है." इस पर प्रधान न्यायाधीश ने स्पष्ट किया, "इसे समन समझने की जरूरत नहीं है. यह सिर्फ एक आमंत्रण है. कृपया पता करें कि क्या वह आ सकते हैं."
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शीर्ष न्यायालय इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार की नीति के क्रियान्वयन से जुड़े एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने सुझाव दिया कि सरकार पेट्रोल और डीजल कारों से शुल्क ले सकती है और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी दे सकती है.
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न्यायालय ने कहा कि पटाखें और पराली जलाना एक सीमित समय में होने वाली प्रक्रिया है लेकिन प्रदूषण में कारों का अहम हिस्सा है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, "पटाखों और पराली से होने वाला प्रदूषण एक निश्चित समय और कम अवधि के लिए होता है, लेकिन वाहनों से होने वाला प्रदूषण चिंता का विषय है. हम इस मुद्दे पर समग्र रूप से विचार करना चाहते हैं.
वहीं, केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया गया है.
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